परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के समायोजन में गाइड लाइन का पेच फंसा हुआ
है। राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के मानक के तहत नामांकित बच्चों पर शिक्षकों की
तैनाती का उल्लेख है। वहीं बेसिक शिक्षा निदेशक ने वास्तविक छात्रसंख्या के आधार
पर शिक्षकों को सरप्लस करने का निर्देश दिया है।
आरटीई के मानक के अनुसार उच्च प्राथमिक विद्यालयों में महज 98 शिक्षक
सरप्लस हैं। वहीं प्राथमिक विद्यालयों में दस शिक्षक कम हैं। वहीं वास्तविक छात्र
संख्या के आधार पर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब 2500 शिक्षक
सरप्लस हो जाएंगे। कारण जनपद के विद्यालयों में बच्चों की औसत उपस्थिति महज 60 फीसद है।
विभिन्न कारणों से करीब 40
फीसद बच्चे
अनुपस्थिति रहते हैं। ऐसे में यदि वास्तविक संख्या को आधार मान कर समायोजन किया
गया तो 2500 शिक्षकों
की तैनाती को लेकर मशक्कत करनी पड़ेगी।