उत्तर प्रदेश
शिक्षक महासंघ की ओर से मा० मुख्यमंत्री जी को प्रस्तुत किया जाने वाला ज्ञापन
उत्तर
प्रदेश शिक्षक महासंघ
केन्द्रीय कार्यालय
: 15, रायल होटल, लखनऊ दूरभाषः-
0522-2239520
फैक्स:- 0522-2239430
दिनांक 18 दिसम्बर, 2013
उत्तर
प्रदेश शिक्षक महासंघ की ओर से उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव को प्रस्तुत ज्ञापन
मान्यवर
महोदय,
प्रदेश के
सभी शिक्षक संगठन अपनी कठिनाइयों के प्रति सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति से मात्र अप्रसन्न ही नहीं अपितु
पीड़ित और आहत है। अपने आक्रोश और आहत भावनाओं को सामूहिक
रूप से प्रगट करने के लिए आन्दोलन की राह पर है। सभी संगठनों की सामूहिक कठिनाइयों और उनके निराकरण
हेतु माँग पत्र प्रस्तुत है। -
उत्तर
प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सम्बन्ध में
1- शिक्षकों को
उच्चीकृत ग्रेड वेतन रू0 4600 व रू0 4800 पर न्यूनतम मूल वेतन क्रमशः रू0 17140 व 18150 दिया जाय।
2- सेवारत
शिक्षकों की मृत्यु की दशा में उनके आश्रित को पूर्व की भॉति न्यूनतम शैक्षिक
योग्यता के आधार पर अध्यापक पद पर नियुक्ति देकर सेवारत प्रशिक्षण व टी.ई.टी.
करायी जाय।
3- 01 अप्रैल, 2005 व उसके पश्चात नियुक्त शिक्षकों को
पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किया जाय।
4- शिक्षा
मित्रों को पूर्ण रूपेण शिक्षक बनाया जाये तथा उनको सेवा/अनुभव का लाभ देते हुए
टी.ई.टी. से मुक्त रखा जाय।
5- प्राथमिक
विद्यालयों से उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रोन्नति की न्यूनतम अर्हता 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष की जाय और रिक्त पदों पर यथाशीघ्र
प्रोन्नत की जाय।
6- परिषदीय
शिक्षकों की पेंशन का भुगतान कोषागार से किया जाय परन्तु पेंशन स्वीकृति की
व्यवस्था पूर्व की भॉति व माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों की भॉति विभागीय
अधिकारी पर ही रखी जाय।
7- 5वें वेतन
आयोग में रू0 7300 के निश्चित
मूल वेतन पर कार्यरत मृतक आश्रित एवं उर्दू शिक्षकों को मकान किराया भत्ता अनुमन्य
था जिसे 6वें वेतन
आयोग लागू होने के उपरान्त निर्धारित नहीं किया गया उसे पूर्ववत चालू किया जाय।
8- मृतक आश्रित
व उर्दू अध्यापक (अप्रशिक्षित) को 5 वर्ष की सेवा के उपरान्त नोशनल वरिष्ठता
के आधार पर वरिष्ठता सूची में किये जाने के प्राविधान को पुर्नजीवित करते हुए 5 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरान्त
पदोन्नति के लिए अर्ह माना जाय।
10- संगठन के
पदाधिकारियों को वाह्य दबाव के आधार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही और स्थानान्तरण पर
रोक लगानी चाहिए।
11- प्रदेश के
शिक्षकों के पाल्यों को पूर्व की भॉति बी.एड./बी.टी.सी./विशिष्ट बी.टी.सी की
प्रवेश परीक्षा में 10 अंकों का
भारांक दिया जाय।
12- उच्च
प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की पदोन्नति उप विद्यालय निरीक्षक/ खण्ड
शिक्षा अधिकारी के रिक्त पदों पर 20 प्रतिशत पदोन्नति को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करते हुए पदोन्नतियॉ पूर्ववत
जारी रखी जाय।
माध्यमिक
विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सम्बन्ध में
1- तदर्थ
शिक्षकों का विनियमितीकरण।
2- सी.टी. से
प्रोन्नत शिक्षकों को सी.टी. की सेवाओं का लाभ।
3- एल.टी.
वेतनमान के शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान हेतु स्नातकोत्तर उपाधि की अनावश्यक
अनिवार्यता को समाप्त किया जाना।
4- 01 अप्रैल, 2005 से नियुक्त शिक्षकों को पूर्व प्रचलित
पेंशन का लाभ अनुमन्य किया जाना।
5- विद्यालयों
की जनशक्ति निर्धारण की दोषपूर्ण प्रक्रिया को समाप्त किया जाय।
6- विद्यालयों
में शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति करके विद्यालयों को लोकहित में उपयोगी बनया
जाय।
7- कम्प्यूटर
शिक्षकों को ठेकेदारों के शोषण से मुक्त दिलायी जाय।
8- व्यवसायिक
अनुदेशकों को पूर्ण मानदेय समय पर भुगतान किया जाय तथा उन्हें शिक्षक के रूप में
अर्हताओं के आधार पर आमेलित किया जाय।
9- वित्त विहीन
विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों को पूर्ण कालिक बनाने हेतु अंशकालिक मान्यताओं को
अधिनियम की धारा 7 (4) में
परिवर्तित किया जाय।
राजकीय
विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सम्बन्ध में
1- शिक्षकों का
प्रोन्नति कोटा पूर्ण किया जाय।
2- शिक्षकों को
ए.सी.पी. का लाभ दिया जाय।
3- राजकीय
शिक्षकों के अन्तिम जी.पी.एफ. का भुगतान मंडल स्तर पर निश्चित अवधि के अन्दर किया
जाय।
4- शिक्षकों की
अद्यतन वरिष्ठता सूची अविलम्ब प्रकाशित की जाय।
अनुसूचित
जाति प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सम्बन्ध में
1- राज्य सरकार
द्वारा सहायता प्राप्त अन्य विभागों के समान समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुदानित
प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पेंशन, पारिवारिक पेंशन की सुविधा प्रदान की
जाय।
2- विभाग में
कार्यरत अप्रशिक्षित सहायक अध्यापकों को बेसिक शिक्षा परिषद में कार्यरत
अप्रशिक्षित सहायक अध्यापकों की भॉति नियत वेतन तथा उस पर देय मॅहगाई भत्ता जो
मार्च 2013 से रोका गया
है, का तत्काल
भुगतान किया जाय।
3- प्रशिक्षित
शिक्षकों को उच्चीकृत वेतनमान का वास्तविक लाभ दिनांक 28 फरवरी, 2013 के स्थान पर अन्य विभागों के सहायता
प्राप्त शिक्षकों की भॉति दिनांक 1-12-2008 से प्रदान किया जाय।
सीनियर
बेसिक शिक्षकों के सम्बन्ध में
1- समस्त
स्थायी मान्यता प्राप्त असहायिक जूनियर हाईस्कूलों को वेतन वितरण अधिनियम 1978 के अन्तर्गत अनुदान सूची में लिया जाय।
2- जूनियर
हाईस्कूल स्तर तक सहायता प्राप्त उच्चीकृत विद्यालयों में रिक्त पदों की सेवा
नियमावली 1978 की
व्यवस्थानुसार ही तब तक भरा जाय जब तक उच्चीकृत विद्यालय माध्यमिक विद्यालय पर
लागू वेतन वितरण अधिनियम 1971 की सीमा में
नही आते।
3- असहायिक
सेवाओं को पेंशन आगणन में जोड़ने हेतु सी0सी0एफ0 का प्रबन्धकीय अंशदान जमा करने की सुविधा
प्रदान करते हुए 2006 से अनुदानित
शिक्षकों/ कर्मचारियों जिनकी नियुक्ति अपैल 2005 से पूर्व की है पर पुरानी पेंशन योजना
लागू करते हुए जी0पी0एफ0 की कटौती प्रारम्भ की जाये।
संस्कृत
विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सम्बन्ध में
1- माध्यमिक
शिक्षकों की भॉति 1-1-1996 से पंचम
वेतनमान की स्वीकृति की जाय।
2- 20 प्रतिशत की
सीमा को समाप्त कर शतप्रतिशत शिक्षकों को 12 वर्ष की चयन वेतनमान में सन्तोषजनक सेवा
पूर्ण करने पर 1-1-1996 से
प्रोन्नति वेतनमान की स्वीकृति।
3- अध्यापकों
की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्व की भॉति बहाल की जाय।
4- संस्कृत
विद्यालयों में लिपिक एवं परिचारकों की नियुक्तियॉ की जाय।
5- अध्यापकों
एवं प्रधानाचार्यों के उच्चीकृत वेतनमान शासनादेश दिनांक 19 मार्च, 2010 एवं स्पष्टीकरण शासनादेश दिनांक 21 फरवरी, 2012 के अनुसार न्यूनतम वेतनमान एल.टी. का
अनुपालन कराया जाय।
6- संस्कृत
विद्यालयों में शिक्षण शुल्क समाप्त किया जाय।
7- माध्यमिक
संस्कृत नियमावली 2009 निर्गत
दिनांक 15 जनवरी, 2010 द्वारा अनुपालित मंडलीय चयन समिति द्वारा
चयनित पॉचों मंडलों (बस्ती, गोरखपुर, फैजाबाद, देवीपाटन एवं आजमगढ़) के 226 बर्खास्त प्रधानाचार्यों व अध्यापकों का
शीघ्र वेतन भुगतान किया जाय।
8- 176 संस्कृत
विद्यालयों/महाविद्यालयों के अनुदान निरस्तीकरण को समाप्त किया जाय।
9- प्रमुख सचिव
द्वारा दिये गये आश्वासन दिनांक 22 नवम्बर, 2013 के आधार पर 246 संस्कृत विद्यालयों को अनुदान सूची में
सम्मिलित किया जाय।
अरबी-फारसी
मदरसों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के सम्बन्ध में
1- मदरसा
शिक्षा परिषद अधिनियम के अन्तर्गत विनियमावली निर्मित की जाय।
2- मदरसे के
प्रधानाचार्य एवं सहायक अध्यापक आलिया को संस्कृत पाठशालाओं के प्रधानाचार्य एवं
प्रवक्ता के बराबर ग्रेड वेतन ग्रेड वेतन प्रदान किया जाय।
3- मृतक आश्रित
को अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ प्रदान किया जाय।
4- मदरसा
शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान की स्वीकृति में लगाये गये 20 प्रतिशत के प्रतिबन्ध को समाप्त कर सभी
शिक्षकों को लाभ प्रदान किया जाय।
5- मदरसा बोर्ड
द्वारा लागू नये पाठ्यक्रम के अनुसार नवीन विस्तृत पाठ्यक्रम, विषय अध्यापक एवं पाठ्य पुस्तकों की
उपलब्धता सुनिश्चित की जाय।
6- मदरसा बोर्ड
द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं का नियमित सत्र निर्धारित किया जाय।
7- सामूहिक
बीमा योजना लागू की जाय।
8- माध्यमिक
विद्यालयों के समान मदरसों में वेतन वितरण अधिनियम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
9- कामिल फाजिल
(स्नातक/स्नातकोत्तर) स्तर के मदरसों को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अरबी फारसी
विश्वविद्यालय लखनऊ से सम्बद्ध किया जाय।
10- माध्यमिक
शिक्षकों की भॉति सी.पी.एफ. की धनराशि जमाकर मदरसे के शिक्षकों/कर्मचारियों की 1993 से पूर्व की सेवाओं को पेंशन के लिए
अर्हकारी सेवा माना जाय।
11- 01 अप्रैल, 2005 से नियुक्त शिक्षकों को पूर्व प्रचलित
पेंशन का लाभ अनुमन्य किया जाय।
12- बोर्ड
परीक्षा में कक्ष निरीक्षण तथा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की कई वर्षों से बकाये धनराशि का भुगतान अविलम्ब कराया
जाय।
महाविद्यालयों
में कार्यरत शिक्षकों के सम्बन्ध में
1- छठें वेतन
आयोग की संस्तुतियों के आधार पर स्वीकृत वेतनमान के अनुसार 01 अक्टूबर, 2007 से 30 नवम्बर, 2008 तक के अवशेष का भुगतान।
2- विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग नियमन 2010 शीघ्र
प्रख्यापित किया जाय तथा नियमन 2010 निर्गत होने कि तिथि के पूर्व तक कैरियर एडवान्समेन्ट योजना के
अनुसार/अन्तर्गत अर्ह प्रोन्नत वेतनमान में प्रोन्नत होने वाले शिक्षकों को पुरानी
योजना के अनुसार ही प्रोन्नत वेतनमान अनुमन्य किया जाय।
3- माननीय
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका संख्या सिविल अपील 5693/2013 में पारित आदेश के क्रम में मानव संसाधन
विकास मंत्रालय भारत सरकार तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली द्वारा
स्वीक्रृत संस्तुतियों (कम्पोजिट स्कीम) के अन्तर्गत शिक्षकों के सेवा निवृत्त की
आयु 62 वर्ष से 65 वर्ष किये जाने के आदेश शीघ्र निर्गत
किये जाय।
4- वर्षो से
लम्बित मानदेय शिक्षकों को आमेलित किये जाने के आदेश दिये जाय।
5- विनियमितीकरण
से वंचित तदर्थ शिक्षकों को विनियमित किया जाय।
6- 62 वर्ष की आयु
पर सेवानिवृत्त होने पर
आनुतोषिक उपादान (ग्रेच्युटी) प्रदान किया जाय।
7- स्नातक एवं
स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में नियुक्त प्राचार्यो को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
द्वारा स्वीकृत विशेष मानदेय क्र्रमशः रू0 2000 व रू0 3000 दिये जाने के आदेश दिये जाय।
8- विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग द्वारा अनुमन्य प्रोफेसर के पद पर महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों
के लिए भी प्रोन्नत की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
9- माध्यमिक
शिक्षकों की भॉति एकल स्थानान्तरण की सुविधा प्रदान की जाय।
10- शिक्षकों एव
पुस्तकालयाध्यक्षों के वर्षो से रिक्त लगभग 3,750 पदों को उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा
आयोग द्वारा विशेष चयन प्रक्रिया के माध्यम से शीघ्र भरे जाने की कार्यवाही
प्रारम्भ की जाय।
11- सामूहिक
जीवन बीमा योजना के धनराशि की सीमा राज्य कर्मचारियों/ माध्यमिक शिक्षकों की भॉति
की जाय।
12- परीक्षा
पारिश्रमिक की दरें शीघ्र संशोधित की जाय।
13- रिक्त पदों
के सापेक्ष सेवा निवृत्त शिक्षकों को मानदेय के आधार पर नियुक्ति प्रदान किये जाने
विषयक शासनादेश दिनांक 25-11-2013 की जटिल
नियुक्ति प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाय।
14- कार्यरत
प्राध्यापक जिन्होंने अभी तक शोध उपाधि प्राप्त नहीं किया है, को शोध कार्य हेतु आयोजित प्रवेश परीक्षा
से छूट प्रदान करते हुए पंजीकरण कराने की सुविधा अनुमन्य की जाय।
15- स्नातक स्तर पर संचालित होने वाले सहायता
प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को शोध कार्य कराये जाने की
सुविधा प्रदान की जाय।
· - -
लल्लन
मिश्र, अध्यक्ष, उ0प्र0 शिक्षक महासंघ
· -राधा कृष्ण पाठक, अध्यक्ष, उ0प्र0जू0हा0 शिक्षक संघ
· -
ओम
प्रकाश शर्मा, एम0एल0सी0, नेता शिक्षक दल एवं संयोजक
·
सुनील
कुमार भड़ाना, अध्यक्ष, राजकीय शिक्षक संघ
·
हाजी
दीवान साहब जमॉ
·
रवीन्द्र
नाथ शुक्ल, अध्यक्ष, माध्यमिक संस्कृत शिक्षक कल्याण समिति उ0प्र0
·
मिश्री
लाल यादव, अध्यक्ष, उ0प्र0 अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय शिक्षक
एसोसिएशन
·
डा0 हारेन्द्र कुमार राय, महामंत्री, उ0प्र0 विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ
·
परमानन्द
पाण्डेय, महामंत्री, उ0प्र0 संस्कृत शिक्षक/छात्र एवं समाजिक सेवा
शिक्षण समिति
·
अवधेश
कुमार मिश्र, अध्यक्ष, उ0प्र0 सीनियर बेसिक शिक्षक संघ