प्रदेश के जिन प्राथमिक स्कूलों में आरटीई एक्ट 2009 में दिए गए मानक से कम छात्र संख्या है, वहां के
प्रधानाध्यापकों को समायोजन प्रक्रिया में हटाया नहीं जाएगा, बल्कि उन स्कूलों में छात्र संख्या के आधार पर यदि शिक्षकों की कमी है तो
तैनाती की जाएगी। यह बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को दिया
है।1परिषद के प्राथमिक व उच्च
प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की प्रदेश भर में जिले के अंदर समायोजन व पारस्परिक
स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है। शासन ने 20 जुलाई को जारी आदेश में कहा है कि 30
सितंबर 2017 की छात्र संख्या के आधार पर आरटीई
एक्ट 2009 के अनुसार विद्यालयों का पद निर्धारण किया जाए।
परिषद ने जिलों से छात्र संख्या लेकर आरटीई एक्ट के अनुरूप पद निर्धारण कर दिया
है। विद्यालयवार पद निर्धारण के अलावा भी परिषद ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिए
हैं कि तय पद एक्ट के अनुरूप हैं, किंतु स्थानांतरण व
समायोजन की कार्यवाही वर्ष 2011 व शासन की ओर से सर्व शिक्षा
अभियान के तहत वर्ष 2015 (29 जुलाई 2015 को नवीन विद्यालय के लिए स्वीकृत) में समन्वित रूप से जिले के लिए स्वीकृत
पदों से अधिक नहीं की जाएगी। आरटीई एक्ट में प्राथमिक स्कूलों के लिए 150 व उच्च प्राथमिक के लिए 100 से कम छात्र संख्या पर
प्रधानाध्यापक के पद का प्राविधान नहीं है लेकिन, उत्तर
प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालयों में जहां पूर्व में सृजित
प्रधानाध्यापक के पद पर प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं, उन्हें
हटाया नहीं जाएगा। सचिव ने स्पष्ट किया कि यदि किसी स्कूल में 58 छात्र हैं और वहां एक प्रधानाध्यापक ही कार्यरत है तो आरटीई के अनुसार
निर्धारित कुल दो पदों में प्रधानाध्यापक को न हटाते हुए एक सहायक अध्यापक की
नियुक्ति की जाएगी। आरटीई एक्ट में यह भी प्राविधान है कि प्रत्येक दशा में
प्राथमिक स्कूल में 60 छात्रों पर न्यूनतम दो अध्यापक व उच्च
प्राथमिक स्कूल में विषयवार न्यूनतम तीन अध्यापकों की उपलब्धता रहेगी। सचिव ने
दिया कि परिषदीय स्कूलों में समायोजन का उद्देश्य सभी स्कूलों में नामांकन के
अनुरूप अध्यापकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है न कि अनावश्यक रूप से अध्यापकों
को हटाया जाना है। इसलिए अध्यापकों की उपलब्धता का आकलन करने के बाद ही समायोजन की
कार्यवाही की जाए। इस प्रक्रिया में किसी तरह की कठिनाई हो तो जिले स्तर पर गठित
समिति के समक्ष उसे प्रस्तुत कर निस्तारित कराएं, परिषद से
अनावश्यक पत्रचार न करें। यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी करें और कार्यवाही
से परिषद को भी अवगत कराएं। इसमें लापरवाही पर कठोर कार्रवाई होगी।
-
शिक्षा विभाग शिक्षा अनुभाग 6 1/2019/1917 / अड़सठ- 3-2019-28(35)/2001 04/12/2019 अधिनियम/अध्यादेश/नियमावली उत्तर प्रदेश मान्यता प्...
-
मध्याह्न भोजन योजना के अन्तर्गत 04:01:2016 के शासनादेश के द्वारा परिवर्तन लागत की दर में पुनः संशोंधन कर दिया गया है। अब नई द...
-
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ की ओर से मा० मुख्यमंत्री जी को प्रस्तुत किया जाने वाला ज्ञापन उत्तर प्रदेश शिक्षक ...
-
बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक ज्वलंत नमूना सामने आया है। रामनगर विकासखंड में अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में तैनाती के लिए हुई शिक्ष...
-
एडेड स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती पर आज होगी चर्चा लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद से सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों व कर्म...
-
सीबीएसई 10 वीं और 12 वीं की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आया है। ऐसे शिक्षक एग्जामिनर बना दिये गये , ...
-
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग 16 को प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया 15 अप्रैल तक हर हाल में पूरा करने के लिए...
-
केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 6 प्रतिशत बढ़ा एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मियों व पेंशनभोगियों को बोनांजा देत...
-
24 से कार्यालयों पर रोजाना धरना देंगे शिक्ष्ाक लखनऊ (ब्यूरो)। माध्यमिक शिक्षकों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा का लाभ दिया जाए। ...