बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में समायोजन
के लिए शनिवार को बीएसए कार्यालय पर 67 शिक्षकों ने समायोजन
के लिए विकल्प भरा। जबकि तीस शिक्षक समायोजन से दूर रहें। वहीं 47 शिक्षकों की ओर से आपत्ति जताई गई। पांच सदस्यीय कमेटी दो दिन के अंदर
शिक्षकों की ओर से उठे गए आपत्ति पर फैसला करेगी।
छात्र-शिक्षक के अनुपात का हवाला देकर बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों के
समायोजन में जुटा है। प्राथमिक विद्यालय में समायोजन प्रक्रिया पूरी होने के बाद
शनिवार को पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में समायोजन की प्रक्रिया शुरू हुई। सुबह से
ही शिक्षक बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का चक्कर लगाने लगे। शिक्षक नेताओं के
माध्यम से कई जुगाड़ से समायोजन इच्छा के अनुसार करने में जुटे थे।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय के 97
शिक्षकों
का समायोजन किया जाना था,
लेकिन
दोपहर तक सिर्फ 67
शिक्षकों
ने विकल्प भरे। तीस शिक्षक समायोजन प्रक्रिया से दूर रहे। बेसिक शिक्षा अधिकारी
जगदीश प्रसाद शुक्ल ने कहा कि नियम के अनुसार समायोजन किया जा रहा है। शिक्षकों की
ओर से जो आपत्ति दर्ज कराई गई है उसका निस्तारण डीएम की अध्यक्षता वाली पांच
सदस्यीय कमेटी करेगी। हालांकि समायोजन लेकर प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल के
शिक्षकों में बड़ी नाराजगी है। उनका आरोप है कि बीएसए नियम विरुद्ध समायोजन करा
रहे हैं। जो लिस्ट जारी की गई है उसमें जूनियर सीनियर का फर्क नहीं देखा गया है।
उनके आक्रोश से शिक्षक नेता भी कटघरे में आ गए हैं। करीब एक दर्जन से अधिक शिक्षक
हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे है। उनका आरोप है कि आपत्ति निस्तारण में अब बड़ा
खेल होगा। इसी लिए समायोजन में जल्दबाजी की गई। ताकि शिक्षकों को मौका न मिल पाए।