- बख्शी का तालाब इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल से इंस्पेक्टर ने की थी अभद्रता
- प्रार्थना सभा में शिक्षकों व छात्रों के सामने इंस्पेक्टर ने मांगी माफी
गुरु और गुरूर के बीच हुए टकराव में आखिरकार जीत अनुशासन की हुई।
घमंड चूर हुआ और खाकी के नशे में शालीनता भूले इंस्पेक्टर बीकेटी को सार्वजनिक रूप
से माफी मांगनी पड़ी। बीकेटी इंटर कॉलेज में मंगलवार को स्थानीय थानेदार अमरनाथ
वर्मा ने प्रधानाचार्य आरके सिंह तोमर से अभद्रता की थी। इंस्पेक्टर प्रधानाचार्य
के पास दो बच्चों का एडमिशन कराने के लिए दबाव बनाने गए थे। इस दौरान उन्होंने
अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया था।
प्रधानाचार्य ने एसएसपी,
डीएम व
शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मामले की शिकायत की थी और कार्रवाई न होने पर
शैक्षणिक कार्य बंद करने की बात कही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए आननफानन
उच्चाधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया और इंस्पेक्टर को प्रधानाचार्य से माफी
मांगने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों के हस्तक्षेप पर प्रधानाचार्य ने माफ करने
की बात मान ली, लेकिन
उन्होंने इंस्पेक्टर को प्रार्थना सभा में आने को कहा। सीओ बीकेटी बीनू सिंह
इंस्पेक्टर को लेकर कॉलेज पहुंची। इस दौरान इंस्पेक्टर ने प्रार्थना सभा में माइक
पर सबके सामने अपनी करनी पर खेद जताया। इंस्पेक्टर ने कहा कि मंगलवार को जब कॉलेज
आया था तब असहज स्थिति क्यों पैदा हुई मैं खुद समझ नहीं पा रहा हूं। मुङो
आत्मग्लानि हुई। मेरे पिता भी प्रिंसिपल थे और प}ी शिक्षक है।
पिता तुल्य प्रिंसिपल से ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए था
इंस्पेक्टर ने कहा कि मेरे व्यवहार पर पिता ने भी मुङो आज टोका। मुङो अहसास
हुआ कि अपने पिता तुल्य प्रिंसिपल से मुङो ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए था। बुधवार
शाम को मैं कॉलेज आने वाला था,
लेकिन इससे
ही तय हो गया कि मुङो प्रार्थना सभा में आना है तो चला आया। इंस्पेक्टर के माफी
मांगने के बाद प्रिंसिपल ने कहा कि थाना प्रभारी ने जिस शैली में अपनी बात रखी, उसका मैं
आदर करता हूं। गौरतलब है कि कॉलेज के प्रधानाचार्य को राष्ट्रपति के राज्य शिक्षण
पुरुस्कार से वर्ष 2016
में
सम्मानित किया गया था। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उन्हें
सम्मानित किया था।