कॉलेज से सांठगांठ कर अब अनुपस्थित
विद्यार्थी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। उपस्थिति
दर्ज करवाने में हो रहे खेल की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अब एनसीटीई ने बीएड, बीटीसी, एमएड व
डीएलएड कोर्सेज की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए बायोमीटिक उपस्थिति अनिवार्य
कर दी है। सभी शिक्षक शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वह 30 दिन के भीतर बायोमीटिक उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था करें।
यही नहीं सभी शिक्षण संस्थानों को उपस्थिति का ब्योरा अपनी वेबसाइट पर हर हफ्ते
ऑनलाइन करना अनिवार्य होगा। एनसीटीई की विशेष सेल इसकी निगरानी करेगी।
अभी बीएड, बीटीसी जैसे कोर्सेज चला रहे अध्यापक शिक्षा संस्थानों में
उपस्थिति दर्ज करने की कोई फूलप्रूफ व्यवस्था नहीं है। नियम के अनुसार 200 दिन की पढ़ाई एक शैक्षिक सत्र में होना अनिवार्य है।
प्रैक्टिकल के कार्य में 90 फीसद और
थ्योरी की कक्षाओं 75 फीसद
उपस्थिति अनिवार्य है, मगर
उपस्थिति के नाम पर खिलवाड़ हो रहा है। विद्यार्थी पढ़ाई करने नहीं जाते और कॉलेज
से सांठगांठ कर परीक्षा में शामिल हो जाते हैं। यूपी में भी करीब पांच हजार से अधिक डिग्री कॉलेजों व अध्यापक शिक्षा
संस्थानों में बीएड, बीटीसी, एमएड, बीएलएड आदि
कोर्सेज में करीब पांच लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। एनसीटीई के मेंबर सेक्रेट्री
संजय अवस्थी की ओर से सभी संस्थानों को निर्देश भेजे गए हैं कि वह बायोमीटिक
उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था करें।