परिषदीय स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती में उन
अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है, जिनका नियुक्ति पत्र
इसलिए जारी नहीं हो सका था कि वे यूपी में पांच साल का निवास प्रमाणपत्र समय पर
नहीं दे सके थे। उसका 13 अगस्त 2018 को परिणाम घोषित हुआ और इसमें 41556 अभ्यर्थी सफल हुए थे।
भर्ती में अभ्यर्थियों को आवेदन के पांच साल पहले से उत्तर प्रदेश का निवासी होने
का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य था। इस भर्ती के लिए उन अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया
जिन्होंने गैर राज्यों मसलन मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों से प्रशिक्षण हासिल किया था। वे पांच साल निवास की
शर्त पूरी नहीं करते थे।
खास बात यह है कि चयनित अभ्यर्थियों ने एक से तीन सितंबर तक जिलों में
काउंसिलिंग कराई लेकिन,
उन्हें
जिला चयन समिति ने नियुक्ति पत्र इसलिए नहीं दिया, क्योंकि वे निवास की शर्त पूरी नहीं
करते हैं। तब कई अभ्यर्थियों ने पांच साल निवास की बाध्यता को हाईकोर्ट में चुनौती
दी। हाईकोर्ट ने आठ मई 2019
को दिए
आदेश में पांच साल निवास की शर्त को असंवैधानिक मानते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति
पत्र जारी करने के आदेश दिए गए थे। हाईकोर्ट के आदेश पर बेसिक शिक्षा परिषद के उप
सचिव अनिल कुमार ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर इन अभ्यर्थियों को
नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या सीमावर्ती
जिलों में अधिक है।