जय नारायण महाविद्यालय (केकेसी) एवं नेशनल कोएलिशन फॉर एजूकेशन, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को ‘नई शिक्षा नीति (2019) प्रारूप’ विषय पर आधारित एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई।
गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए नेशनल कोएलिशन फॉर एजूकेशन कन्वीनर
रमाकांत राय ने कहा कि शिक्षा केक्षेत्र में किसी भी विसंगति को केवल शिक्षक ही
दूर कर सकता है और दूसरा कोई नहीं। उन्होंने कहा कि, वर्तमान में पिछले कई वर्ष से चली आ
रही शिक्षा प्रणाली में अब परिवर्तन की बात सामने आ रही है। इसमें शिक्षा और उसके
प्रचालन में कई बड़े परिवर्तन किए जाने हैं। उन्होंने नई शिक्षा नीति-2019 के प्रारूप
पर शिक्षकों और छात्र-छात्रओं से विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि नई शिक्षा
नीति के प्रारूप में शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी हस्तक्षेप को कम करने, सब्सिडी और
अनुदान को कम करने तथा एफिलिएशन पर नियंत्रण को कम करने पर जोर दिया गया है।
शिक्षा पर बजट में कम आवंटन को उन्होंने तर्कसंगत न मानते हुए कहा कि केवल दिल्ली
सरकार, बजट का 26 प्रतिशत
शिक्षा पर खर्च कर रही है।
बाकी सभी प्रदेशों में औसतन 10
प्रतिशत
खर्च ही इस मद में किया जा रहा है। उन्होंने नई शिक्षा नीति (प्रारूप) की समीक्षा
करते हुए उसे शिक्षाविदों,
शिक्षकों
और परंपरागत प्रणाली के समीप रखे जाने की बात कही। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो.
एसडी शर्मा, डॉ. अरुण
मिश्र, डॉ. एससी
हजेला, डॉ.
हरेंद्र राय, अध्यक्ष
शिक्षक महासंघ, उत्तर
प्रदेश, डॉ. एसपी
शुक्ल, डॉ. एके
अवस्थी समेत बड़ी संख्या में महाविद्यालय के बड़ी संख्या में शिक्षक व छात्र मौजूद
रहे।