इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा
है कि प्रदेश के जूनियर हाईस्कूलों के तृतीय श्रेणी कर्मचारी को ग्रेच्युटी देना
और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को न देना दुर्भाग्यपूर्ण व विभेदकारी है, जो निरस्त होने योग्य है। कोर्ट ने कहा कि सभी नॉन टीचिंग
स्टाफ को ग्रेच्युटी पाने का अधिकार है, जिससे
इनकार नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने राज्य सरकार को राजकीय वित्तीय सहायता प्राप्त प्रदेश के
जूनियर हाईस्कूल के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को चार माह में ग्रेच्युटी के
भुगतान का शासनादेश जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने शासनादेश के अभाव में
याची चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इनकार करने के अपर
निदेशक ट्रेजरी,
पेंशन कानपुर नगर के आदेश को
रद्द कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि एक ही स्कूल के तृतीय श्रेणी कर्मचारी को
ग्रेच्युटी देना और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को न देना विभेदकारी व मनमानापूर्ण है।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने श्री गांधी माध्यमिक विद्यालय मल्हौसी भरथना
इटावा के रिटायर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नारायण सिंह की याचिका को स्वीकार करते
हुए दिया है। याची को अपर निदेशक ने यह कहते हुए ग्रेच्युटी देने से इनकार कर दिया
कि इस संबंध में शासनादेश नहीं है। केवल तृतीय श्रेणी कर्मचारी को ही ग्रेच्युटी
दी जा रही है। याची को अन्य सेवाजनित परिलाभ का भुगतान किया जा चुका है।
