इलाहाबाद :
नियुक्तियों में लेनदेन और भ्रष्टाचार के तो अनेक घोटाले प्रदेश में सामने आ चुके
हैं। मगर प्रतापगढ़ ने ऐसे सारे घोटालों का रिकार्ड तोड़ दिया। यहां ऐसे लोगों को
प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बना दिया, जिन्होंने न तो
कभी इस पद के लिए अप्लाई किया था और न ही कोई परीक्षा दी। शिक्षामित्रों का चयन
होने लगा तो उसी भीड़ में ऐसे 19 लोगों को जो शिक्षामित्र भी
नहीं थे। उन्हें सीधे सहायक अध्यापक बना दिया गया।
शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने के बाद जब उन्हें मूल विद्यालयों
में भेजने की कवायद शुरू हुई थी तो इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। यह जानकार
अधिकारी हैरत में रह गए। कई महीने की जांच के बाद जब इस बात की पुष्टि हो गई तो अब
इन फर्जी अध्यापकों को नोटिस जारी किया गया है। बीएसए बीएन ¨सह ने बताया कि सभी से एक सप्ताह में उनका पक्ष मांगा गया है। इसके बाद
इनसे वेतन की रिकवरी की जाएगी और सेवा भी समाप्त की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके
अलावा फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी पाने के लिए इन लोगों के विरुद्ध एफआइआर भी की
जाएगी। एओ की बेटी भी बनी थी सहायक अध्यापक
बिना शिक्षामित्र हुए सीधे अध्यापक बन जाने की इस भारी अनियमितता में विभागीय
अधिकारी सीधे शामिल थे। यहां तक की इस 19 की सूची में तत्कालीन लेखाधिकारी
रामपाल की बेटी दिव्या देवी भी शामिल हैं। इससे पता चलता है कि विभागीय अधिकारियों
ने सब कुछ सुनियोजित तरीके से किया था। किसे किस प्राइमरी में मिली तैनाती
- ब्लाक कुंडा : जहानाबाद में प्रदीप केशरवानी, श्वेता ¨सह, नर¨सहपुर में दिव्या देवी।
- ब्लाक मांधाता : पूरे नियादर में नीलू देवी और वैशपुर में
संतोष कुमार मिश्रा।
- ब्लाक पट्टी : विरौती मिश्रान में मोहम्मद जावेद
- संडवा चंद्रिका : लोहंगपट्टी फिरदौसजहां और प्रतिमा
शुक्ला।
- आसपुर देवसरा : रामपुर बवरिहा में राजेश कुमार पांडेय,
चंदौकी राखी ¨सह, बींद
आरिफ अली, पूरा सुमनलता, देवरखा पवन ¨सह, सैलखा मीना मिश्रा, बीबीपुर
सगीर अहमद।
-मंगरौरा : तिवारीपुर खुर्द में शहीर अख्तर (मृतक), सराय सागर में मनोज कुमार मिश्रा व रुचि केशरवानी।
- रामपुर संग्रामगढ़ : पूरे निहाल में मोहम्मद अनीस।