Tuesday, January 6, 2015

केंद्रीय-राज्य कर्मचारी संघर्ष समिति का आर-पार की लड़ाई का ऐलान
केंद्र और राज्य सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप

लखनऊ। केंद्रीय-राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रांतीय संयोजक आरके पांडेय ने सरकारी कर्मचारियों की लंबित समस्याओं के प्रति केंद्र और राज्य सरकारों की उदासीनता को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अब आर-पार का संघर्ष किया जाएगा।
चारबाग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रांतीय संयोजक आरके पांडेय ने कहा कि 100 प्रतिशत महंगाई भत्ते का वेतन में विलय, अंतरिम राहत की घोषणा व वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 2014 से लागू किए जाने संबंधी मुद्दों पर चुप्पी, कर्मचारियों को पेंशन जैसे सामाजिक सुरक्षा कवच से वंचित करने और निजीकरण के खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई का संकल्प कर्मचारियों ने ले लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से शिव बरन सिंह यादव, राज्य कर्मचारी महासंघ से कमलेश मिश्रा व सतीश पाण्डेय, उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ से ओपी राय, उत्तर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ से रामराज दुबे, राजकीय वाहन चालक महासंघ से प्रमोद कुमार नेगी और निगम कर्मचारी महासंघ से एसएएच जैदी को संघर्ष समिति का सह संयोजक चुना गया है। इसी तरह से केंद्रीय श्रम संघों के विभिन्न घटकों का प्रतिनिधित्व कर रहे कन्फेडरेशन से जेपी सिंह, नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल इंप्लाइज से वीरेंद्र तिवारी, एआईआरएफ से डीएन चौबे, एनएफआईआर से आरबी सिन्हा, एफएनपीओ से आरके त्रिपाठी को भी संयुक्त संघर्ष समिति का सह संयोजक चुना गया है।
उत्तर प्रदेश राज्य एवं केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संयुक्त संघर्ष समिति 17 जनवरी को राजभवन के पास स्थित विश्वेश्वरैया हाल में प्रात: 11 बजे से प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन करेगी। इससे पहले 6 जनवरी को जवाहर भवन और 13 जनवरी को चारबाग स्थित लोको वर्कशॉप में विशाल सभा का आयोजन किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी, महामंत्री शिव बरन सिंह यादव, केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति के वीरेंद्र तिवारी भी मौजूद रहे।
6 को जवाहर भवन और 13 जनवरी को लोको वर्कशॉप में सभा
कहा- निजीकरण के खिलाफ अब किया जाएगा संघर्ष
अमर उजाला ब्यूरो