जूनियर हाईस्कूल छात्रों के बौद्धिक स्तर का कराएंगे सर्वे :- चौधरी
सरकार
ने मंगलवार को विधानसभा में बताया हाईस्कूल के बाद अब जूनियर हाईस्कूल के
छात्र-छात्राओं के बौद्धिक स्तर का सर्वे किया जाएगा। समस्याओं के निराकरण के लिए
योग्य शिक्षकों की तैनाती होगी ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। यह जानकारी
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने भाजपा के डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल के
एक सवाल के जवाब में दी।
मंत्री
ने बताया कि तीन जिलों लखनऊ, इलाहाबाद व गोरखपुर में कक्षा 10 के छात्र-छात्राओं की
शैक्षिक व व्यक्तिगत समस्याओं की पहचान के लिए उनके बौद्धिक स्तर का आकलन तथा
समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव संबंधी सर्वे कराया गया। इसमें कुल 23 विद्यालयों के शहरी व
ग्रामीण स्टूडेंट्स शामिल हुए। इसमें सामान्य से कम बौद्धिक स्तर वाले बच्चों की
संख्या उत्कृष्ट बौद्धिक स्तर वालों के मुकाबले ज्यादा पाई गई। उत्कृष्ट बौद्धिक
स्तर वालों की समस्याएं सामान्य और सामान्य से कम बौद्धिक स्तर के बच्चों की तुलना
में कम पाई गईं। बुद्धि के स्तर का संबंध बच्चों द्वारा बताई गई व्यावहारिक
समस्याओं से समानुपातिक नहीं पाया गया। बौद्धिक स्तर एवं मानसिक योग्यताओं तथा
समस्याओं के बीच संबंध अनुपातिक नहीं है। सामान्य और इससे कम बौद्धिक स्तर के
बच्चों की समस्याओं में कोई भिन्नता नहीं मिली।
चौधरी
ने बताया कि सर्वे में सबसे ज्यादा समस्याएं विद्यालय संबंधी पाई गईं। स्वास्थ्य
संबंधी और घर-परिवार की समस्याएं भी थीं। डॉ. अग्रवाल ने कहा, कम बौद्धिक स्तर वाले
बच्चों को पढ़ाने केलिए विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की जरूरत है। क्या सरकार
वृहद सर्वे कराकर यह पता लगाएगी कि छात्र-छात्राएं किस तरह की समस्याओं का सामना
कर रहे हैं जिनसे उनके बौद्धिक स्तर पर प्रभाव पड़ रहा है? चौधरी ने कहा कि अभी 23 विद्यालयों में
हाईस्कू ल स्तर पर सर्वे कराया गया है। सरकार भी गुणवत्तापरक शिक्षा को लेकर
चिंतित है। अब कक्षा छह से सर्वे कराकर छात्रों की समस्याएं जानी जाएंगी और योग्य
अध्यापकों को लगाकर इसे दूर किया जाएगा ताकि उनका शैक्षिक स्तर सुधर सके।
साभार अमरउजाला