किताबों की छपाई में देरी पर सीएम ने किया अफसरों को तलबसर्व शिक्षा अभियान में बच्चों को मुफ्त दी जाती हैं ये किताबें, फिर बदल सकता है मानक
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सर्व शिक्षा अभियान में बच्चों को दी जाने वाली मुफ्त किताबों की छपाई में देरी पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सोमवार को तलब कर लिया। अफसरों से किताबों की छपाई के मानक बदलने का कारण पूछा गया। मुख्यमंत्री के यहां से लौटने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप का माहौल रहा। कहा तो यह भी जा रहा है कि किताबों की छपाई के लिए नियमों में संशोधन हो सकता है।
सर्व शिक्षा अभियान में कक्षा आठ तक पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताबें देने की व्यवस्था है। बेसिक शिक्षा विभाग हर साल करीब 1.85 करोड़ छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताब देने के लिए 10 करोड़ किताबें छपाता है। इस बार किताबों की छपाई के लिए बीते शनिवार को टेंडर होना था, लेकिन शासन स्तर से अचानक इसे स्थगित कर दिया गया। इसका कारण किताबों की छपाई में रिसाइकल्ड कागज के इस्तेमाल की शर्त को बताया गया। दरअसल नीति में रिसाइकल्ड शब्द जोड़ दिए जाने की वजह से हिंदुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन बाहर हो गई। कागज सप्लाई करने वाली इस कंपनी ने मुख्यमंत्री के यहां इस पर आपत्ति जताते हुए प्रार्थना पत्र दिया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तलब करते हुए किताबों की छपाई के लिए निर्धारित नीति के बारे में जानकारी ली। सूत्रों का कहना है कि नीति बदलने के कारणों को पूछा गया, इसके बाद से यह चर्चाएं शुरू हो गई हैं नीति में एक बार फिर से संशोधन हो सकता है। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता कहते हैं कि इस संबंध में जल्द ही मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
अमर उजाला ब्यूरो