शिक्षा मित्र बिना फॉर्म भरे ही बनेंगे शिक्षक
लखनऊ। शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने की प्रक्रिया तय कर ली गई है। उन्हें शिक्षक बनाने के लिए न तो अखबारों में विज्ञापन निकाला जाएगा और न ही आवेदन के लिए फॉर्म भरवाया जाएगा। उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा संशोधित नियमावली जारी होने के साथ शासनादेश जारी कर उन्हें शिक्षक बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। पहले चरण में स्नातक और दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके 57,886 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाया जाएगा।
राज्य सरकार ने शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाने का निर्णय किया है। उनके लिए टीईटी की अनिवार्यता नहीं है। कैबिनेट के निर्णय के मुताबिक अध्यापक सेवा नियमावली को संशोधित करते हुए भाषा विभाग को भेज दिया गया है। जैसे ही नियमावली की अधिसूचना जारी होगी, शिक्षामित्रों के समायोजन का शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। शिक्षामित्रों के समायोजन की पूरी प्रक्रिया तय कर दी गई है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्य की अध्यक्षता में जनपदीय कमेटी बनाई जाएगी। इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला प्रशासन का एक अधिकारी और राजकीय इंटर कॉलेज का वरिष्ठतम प्रधानाचार्य सदस्य होंगे। संबंधित जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव और नियुक्ति प्राधिकारी होंगे।
अल्फाबेट के आधार पर बनेगी चयन सूची
परीक्षा नियामक प्राधिकारी से जारी परिणाम के आधार पर दो वर्षीय पत्राचार प्रशिक्षण की परीक्षा पास करने वाले शिक्षा मित्रों की सूची बनाई जाएगी। इसमें उनके स्नातक और पत्राचार प्रशिक्षण के प्रमाण पत्रों का परीक्षण किया जाएगा। नाम के अक्षरों के आधार पर चयन सूची तैयार की जाएगी। जिला समिति से अनुमोदन के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी नियुक्ति पत्र जारी करेगा। नियुक्ति पत्र जैसे-जैसे जारी होते जाएंगे, शिक्षा मित्रों को समायोजित किया जाता रहेगा। शिक्षा मित्रों का उसी स्कूल में समायोजन किया जाएगा, जहां वे काम कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग से तैयार कराए गए प्रस्ताव के मुताबिक यह प्रक्रिया दो माह के अंदर पूरी कर ली जाएगी।
•नियमावली की अधिसूचना के साथ ही जारी होगा शासनादेश, दो माह में प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी
•पहले चरण में स्नातक और पत्राचार बीटीसी प्रशिक्षण ले चुके 57,886 शिक्षामित्र बनेंगे सहायक अध्यापक
साभार अमरउजाला