Sunday, July 14, 2019

राज्यकर्मियों के एसीपी निर्धारण में ‘‘अति उत्तम’ की बाध्यता खत्म


अब पदोन्नति के मापदण्ड से एसीपी का निर्धारण
संतोषजनक रिमार्क पर ही स्वीकृत होगी एसीपीकर्मचारी संगठनों की बहुप्रतीक्षित मांग हुई पूरी, किया स्वागत
राज्यकर्मियों की वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी) निर्धारण में ‘‘अति उत्तमकी बाध्यता खत्म करने की लम्बे अरसे से चली आ रही मांग आखिरकार पूरी हो गयी। अब पदोन्नति के मापदण्ड से ही कर्मचारी के एसीपी का निर्धारण होगा। कर्मचारियों की चरित्र पंजिका में ‘‘बहुत अच्छारिमार्क के स्थान पर ‘‘संतोषजनक रिमार्कपर ही एसीपी स्वीकृत हो जाएगी। इस सम्बन्ध का आदेश अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल की ओर से जारी किया गया है। जिसका इं. हरिकिशोर तिवारी व जेएन तिवारी सहित अनेक कर्मचारी नेताओं व संगठनों ने स्वागत किया है।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी लगातार एसीपी निर्धारण में अति उत्तम की बाध्यता को नैतिक रूप से गलत करार देने के साथ कई उदाहरण राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर चुके थे। पिछले दिनों ‘‘अति उत्तमकी बाध्यता समाप्त करने के लिए मुख्य सचिव से भी कई बार परिषद का प्रतिनिधिमण्डल मिल चुका था। कर्मचारी नेता जेएन तिवारी ने भी इस बारे में मुख्य सचिव से मुलाकात की थी। कई संगठनों की इस मांगों को पूरा करते हुए अब राज्य सरकार की ओर से एसीपी में ‘‘अति उत्तमकी बाध्यता समाप्त कर दी गई है। अब एसीपी की अनुमन्यता हेतु वही मापदण्ड होंगे जो कार्मिक की पदोन्नति के सम्बन्ध में निर्धारित हैं। असल में राज्यकर्मियों के लिये वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी) की स्वीकृति के लिए 20 दिसम्बर- 2016 के शासनादेश में दी गई व्यवस्था का विरोध राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव वित्त व अपर मुख्य सचिव कार्मिक एवं नियुक्ति तथा मुख्यमंत्री से मिलकर किया था। 23 जनवरी 2017 को बड़ा आन्दोलन प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों में करते हुए मुख्यमंत्री को इस बारे में ज्ञापन प्रेषित किया गया। कर्मचारी संगठनों के अथक प्रयासों व उच्च स्तर पर लिये गये निर्णय के परिणामस्वरूम अपर मुख्य सचिव वित्त ने कर्मचारियों के लिये एसीपी के अनुमन्यता हेतु सेवाओं के मापदण्ड के निर्धारण के क्रम में एसीपी में ‘‘अति उत्तमकी बाध्यता समाप्त किये जाने का शासनादेश निर्गत किया है। परिषद अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि एसीपी की अनुमन्यता हेतु ‘‘अति उत्तमकी बाध्यता को समाप्त कराना कितना आवश्यक था इस बात का अन्दाजा परिषद के मांग-पत्र में इस मांग को क्रमांक-2 पर रखा गया था। कर्मचारी नेता वीपी मिश्र, शिवबरन सिंह यादव, संजीव गुप्ता, शशि कुमार मिश्र, अतुल मिश्र, अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव, सतीश कुमार पाण्डेय, अमिता त्रिपाठी, बीएस डोलिया, मनोज श्रीवास्तव ने इस फैसले का स्वागत करते हुए सीएम का आभार व्यक्त किया है।