- बच्चों को हर हफ्ते मिलेगी फोलिक एसिड और आयरन की गोलियां
- स्वास्थ्य से जुड़ी करीब तीस तरह की गंभीर बीमारियों की जांच होगी
- मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने स्वास्थ्य मंत्रलय के साथ मिलकर बनाई योजना
स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे के स्वास्थ्य पर सरकार की अब पैनी नजर रहेगी। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने स्वास्थ्य मंत्रलय के साथ मिलकर एक बड़ी योजना बनाई है। इसके तहत स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे के स्वास्थ्य की अब साल में एक बार अनिवार्य रूप से जांच होगी। स्कूलों में यह पूरी कवायद मिड-डे मील योजना के तहत संचालित होगी।
बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य मंत्रलय की ओर से चलाए जा रहे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम को विस्तार दिया जाएगा। इसके तहत अब इसे स्कूलों से भी जोड़ा जाएगा। जहां मोबाइल हेल्थ टीम पहुंचकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करेगी। इस दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी करीब तीस तरह की गंभीर बीमारियों की जांच होगी। साथ ही यह सुनिश्चित भी किया जाएगा कि इस जांच से एक भी बच्चा छूटे नहीं। स्कूली बच्चों में पढ़ाई के दौरान सामने आ रही तरह-तरह बीमारियों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
इसकी शुरुआत प्राथमिक स्कूलों से होगी। बाद में इसे 12 तक के स्कूलों में भी विस्तार दिया जाएगा। इस पूरी योजना में सरकारी और सहायता प्राप्त गैर-सरकारी स्कूलों दोनों ही शामिल किए गए हैं। योजना के स्कूली बच्चों को रक्त की कमी से बचाने के लिए उन्हें अब नियमित रूप से आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां दी जाएंगी।