सुप्रीम
कोर्ट में सहायक अध्यापक पद पर हुई नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई
की। कोर्ट ने 12वें, 15वें, 16 संशोधन, अकैडमिक, मेरिट
एवं 9B टेट वेटेज पर सुनवाई करके फैसला
सुरक्षित रख लिया है। आज इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं को सुनकर कोर्ट ने फैसला
सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट बाद में इस पर फैसला सुनाएगी।
जस्टिस आदर्श कुमार गोयल व
जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि हम कोर्ट द्वारा नियुक्त शिक्षक भर्ती को नहीं
छेड़ेंगे। इसका मतलब है कि 72826 शिक्षक
भर्ती में नियुक्त हुए टीचरों को कोई परेशानी नहीं होगी।
NCTE की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि
वेटेज देना राज्य सरकार का अधिकार है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा देने को कहा
है। NCTE ने अपने पक्ष में कहा कि उसे सिर्फ न्यूनतम
योग्यताओं से मतलब है।
इससे पहले बुधवार को हुई सुनवाई
में इस पर फैसला सुरक्षित रख दिया गया था। शिक्षामित्रों के साथ-साथ यूपी सरकार भी
इस फैसले के इंतजार में है।
टैट पास शिक्षामित्रों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता संजय त्यागी ने कहा कि यूपीटेट पास शिक्षामित्रों को छूट दी जाए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि ये लोग पूरी तरह से योग्य हैं और इन्होंने टेट परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। 72826 भर्ती में भी इनका सिलेक्शन हो गया था लेकिन सरकार ने पहले से ही इनका समायोजन कर लिया था इसलिए इनको सहायक अध्यापक के पद से नहीं हटाया जाना चाहिए। इस पर जज साहब ने कहा कि आप टैट है। हम इसको नोट कर लेते हैं।
टैट पास शिक्षामित्रों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता संजय त्यागी ने कहा कि यूपीटेट पास शिक्षामित्रों को छूट दी जाए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि ये लोग पूरी तरह से योग्य हैं और इन्होंने टेट परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। 72826 भर्ती में भी इनका सिलेक्शन हो गया था लेकिन सरकार ने पहले से ही इनका समायोजन कर लिया था इसलिए इनको सहायक अध्यापक के पद से नहीं हटाया जाना चाहिए। इस पर जज साहब ने कहा कि आप टैट है। हम इसको नोट कर लेते हैं।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने
सितंबर 2015
शिक्षामित्रों की नियुक्तियों
को अवैध ठहरा दिया था, जिसके
बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में इस आदेश पर स्टे लगा दिया था।
क्या है मामला
ये मामला पौने दो लाख शिक्षा मित्रों की सहायक शिक्षक बनाने का है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इनकी नियुक्ति को असंवैधानिक करार देकर इसे निरस्त कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ ही शिक्षा मित्र और यूपी सरकार एससी पहुंचे।
ये मामला पौने दो लाख शिक्षा मित्रों की सहायक शिक्षक बनाने का है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इनकी नियुक्ति को असंवैधानिक करार देकर इसे निरस्त कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ ही शिक्षा मित्र और यूपी सरकार एससी पहुंचे।