Sunday, March 1, 2015


शिक्षा के बजट में चली कैंची

हर पांच किलोमीटर में स्कूल खोलने के दावे और कुछ गिने-चुने राज्यों में कुछ उच्च शिक्षण संस्थान खोलने के ऐलान के साथ सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी शायद पूरी कर ली है। मगर सामाजिक शिक्षा से जुड़ी हर फ्लैगशीप योजना के बजट में सरकार ने जमकर कैंची चलाई है। सर्वशिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, मिड डे मील और यहां तक कि उच्च शिक्षा में भी सरकार ने आवंटन में भारी कटौती की है। विशेषज्ञों का दावा है कि पिछले दस सालों में शिक्षा के क्षेत्र में आवंटन की इतनी ज्यादा कमी नहीं हुई है।
सर्व शिक्षा अभियान में करीब 2,375 करोड़ की कटौती की गई है। स्कूल में बच्चों को दोपहर का भोजन देने की बेहद लोकप्रिय योजना के भी पर कतर दिए गए है। इस योजना में लगभग पांच हजार करेाड़ रुपये की कटौती की गई है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में करीब 85 करेाड़ रुपये की कटौती की गई है। सर्व शिक्षा अभियान में पिछले साल 24375.14 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि इस बार सिर्फ 22 हजार करोड़ रुपये देकर पल्ला झाड़ लिया गया है। यही नहीं मिड डे मील में पिछले साल लगभग 13 हजार करोड़ का आवंटन था। इस बार सिर्फ 8900 करोड़ रुपये देकर सरकार ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी पूरी कर ली है। आम बजट में सरकार ने कहा है कि हर बच्चे के लिए पांच किलोमीटर के भीतर एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल बनाने का ऐलान किया है। इसके तहत 80 हजार माध्यमिक विद्यालयों को अपग्रेड और 75 हजार मिडल स्तर पर के स्कूलों का स्तर बढ़ाकर सीनियर माध्यमिक स्तर करने की जरूरत जताई है। कर्नाटक में आईआईटी, धनबाद में इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद को पूरी तरह से आईआईटी में बदलने का ऐलान किया गया है। अमृतसर में एक बागवानी अनुसंधान और शिक्षा स्नातकोत्तर संस्थान, जम्मू-कश्मीर व आंध्र प्रदेश में भारतीय प्रबंध संस्थान बनाए जाएंगे। केरल में मौजूदा राष्ट्रीय श्रवण संस्थान को नि:शक्तता अध्ययन और पुनर्वास विश्वविद्यालय में अपग्रेड करने का प्रस्ताव रखता हूं। तीन नए राष्ट्रीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान बनाने का प्रस्ताव किया है। इनमें से एक-एक संस्थान महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बनाया जाएगा। नागालैंड और ओडिशा में एक एक विज्ञान और शिक्षा अनुसंधान संस्थान स्थापित किए जाने का प्रस्ताव किया है। वहीं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा में 6705 करोड़, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग 1155 करोड़, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान को 1155 करोड़ आवंटित किए गए हैं।

साभार अमरउजाला