Friday, February 27, 2015

आरक्षित वर्ग को 90 अंक पर मिल सकता है मौका

लखनऊ । राज्य सरकार टीईटी में 90 अंक पाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को भी शिक्षक बनने का मौका दे सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षित वर्ग के खाली पदों को भरने के लिए टीईटी में 65 फीसदी अंक की अनिवार्यता के स्थान पर 60 फीसदी वालों को मौका देने पर विचार करने को कहा है। बेसिक शिक्षा विभाग को हालांकि आदेश की कॉपी नहीं मिली है, लेकिन इस संबंध में शुक्रवार को उच्चाधिकारियों की बैठक में विचार किया जाएगा। इसमें सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षु शिक्षक के खाली पदों के ब्यौरे के साथ बुलाया है।
प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में आदेश दिया था कि सामान्य वर्ग को टीईटी में मिले 70 फीसदी व आरक्षित वर्ग को 65 फीसदी अंक पर पात्र मानते हुए भर्ती प्रक्रिया पूरी कर छह हफ्ते में जानकारी दी जाए। इसके आधार पर सामान्य वर्ग को टीईटी में 105 और आरक्षित वर्ग को 97 अंक पर पात्र मानते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। प्रशिक्षु शिक्षकों के अब तक 44024 पद भरे जा चुके हैं। बचे खाली पदों में सबसे अधिक आरक्षित वर्ग के हैं।
सुप्रीम कोर्ट में छह हफ्ते बाद यानी बुधवार को मामले की सुनवाई थी। इस दौरान राज्य सरकार सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि 65 फीसदी अंक वाले टीईटी पास आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के न मिलने की वजह से पद खाली हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षित वर्ग को 60 फीसदी यानी 90 अंक पर पात्र मानते हुए खाली पदों को भरने पर विचार करने को कहा है। सचिव ने इसके आधार पर एससीईआरटी निदेशक, बेसिक शिक्षा निदेशक व परिषद के सचिव को बुलाया है।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बैठक आज
शिक्षा मित्रों के समायोजन पर भी चर्चा
बैठक में दूसरे चरण में 92,000 शिक्षा मित्रों के समायोजन पर भी चर्चा होगी। परिषद के सचिव को दूसरे चरण में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षा मित्रों के जिलेवार ब्यौरे के साथ बुलाया गया है।

साभार अमरउजाला