शिक्षा मित्र कहलाएंगे अब गुरुजन
रामगोविंद ने महारैली में दी समायोजन की जानकारी
लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने शिक्षा मित्रों की महारैली में पहुंचकर उन्हें आश्वासन दिया कि अब वे गुरुजन कहलाएंगे। उन्हें समायोजित करने का फैसला कैबिनेट की बैठक में कर लिया गया है। इसके लिए 10 दिन के अंदर नियमावली बनकर तैयार हो जाएगी। उन्होंने यह जानकारी देने के साथ ही चुनावी लाभ लेने के लिए शिक्षा मित्रों से मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने में समर्थन का वादा भी लिया। वह मंगलवार को ज्योतिबा फुले मैदान पर शिक्षा मित्रों की महारैली को संबोधित कर रहे थे।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने की तैयारी सपा सरकार ने आते ही कर ली थी, लेकिन कुछ अधिकारियों ने इसमें अड़ंगा डालने का भी काम किया। उन्होंने कहा, 1.70 लाख शिक्षा मित्रों को उसी विद्यालय में समायोजित किया जाएगा जहां पर वे तैनात हैं। ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए किसी भी तरह की घूस देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनकी सभी समस्याएं तीन साल के अंदर दूर कर दी जाएंगी। उनको कुछ लोग बरगलाएंगे लेकिन उनकी बातों में आने की जरूरत नहीं। इस अवसर पर उप्र प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला, प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह व अनिल यादव ने बेसिक शिक्षा मंत्री को बधाई दी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री योगेश प्रताप सिंह ने दूसरे संगठनों पर जमकर टिप्पणी की। कहा, शिक्षा मित्रों के नाम पर कुछ लोगों ने दुकानें बना रखी हैं। जब उन्हें पता चला कि कैबिनेट में प्रस्ताव आने वाला है तो वे धरने पर बैठ गए। उन लोगों का काम केवल बरगलाना है। माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विजय बहादुर पाल ने कहा कि सपा सरकार शिक्षकों की हितैषी है।
शासनादेश के बाद ही अनशन तोड़ेंगे शिक्षा मित्र
लखनऊ( ब्यूरो)। बिना टीईटी के समायोजन की मांग को लेकर शिक्षा मित्रों ने मंगलवार को भी प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। राजधानी में अनशन पर बैठे शिक्षा मित्रों ने दूसरे गुट की रैली को सरकारी रैली करार देते हुए आरोप लगाया कि हमारा आंदोलन तोड़ने की साजिश की गई है लेकिन शिक्षा मित्र शासनादेश जारी कराने के बाद ही अपना अनशन तोड़ेंगे। उन्होंने सरकार की घोषणा का स्वागत भी किया।
लक्ष्मण मेला स्थल पर आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में क्रमिक अनशन पर डटे शिक्षा मित्रों ने प्रदर्शन जारी रखा। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा, शिक्षा मित्र कैबिनेट के फैसले का पूरा सम्मान करते हैं लेकिन हम शासनादेश जारी होने के बाद ही अपना अनशन खत्म करेंगे। कैबिनेट ने समायोजन के फैसले में शिक्षा मित्र को शिक्षक बनाने का फैसला नहीं किया है, बल्कि शिक्षा मित्रों के लिए अलग सेवा नियमावली बनाने का निर्णय किया है।
साभार अमरउजाला