Saturday, May 19, 2018
Friday, May 18, 2018
रांची : 70 हजार पारा शिक्षकों के स्थायीकरण को बनी कमेटी, पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार करने के लिए बनी कमेटी: मुख्य सचिव के साथ हुई वार्ता में बनी थी इसपर सहमति
रांची : राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों के स्थायीकरण सहित इनकी
विभिन्न मांगों पर विचार करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है।
मुख्यमंत्री रघुवर दास की इसपर स्वीकृति मिलने के बाद गुरुवार को इस संबंध में
अधिसूचना जारी कर दी गई। यह समिति पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार करने के लिए
किसी बाहरी या आंतरिक स्रोत से किसी प्रकार की जानकारी लेने तथा किसी विशेषज्ञ की
सेवा भी ले सकेगी। 1कार्मिक
विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में कई विभागों के सचिवों
के अलावा पारा शिक्षकों के प्रतिनिधि को भी शामिल किया गया है। झारखंड शिक्षा परियोजना
परिषद के राज्य परियोजना निदेशक इस कमेटी के सदस्य सचिव बनाए गए हैं। यह उच्च
स्तरीय कमेटी दूसरे अन्य राज्यों में लागू नीति का जायजा लेकर राज्य सरकार को अपनी
रिपोर्ट देगी। इस कमेटी की अनुशंसा पर राज्य सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।
कमेटी दो माह में देगी रिपोर्ट : यह कमेटी दो माह में अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपेगी। बता दें कि 23
अप्रैल को पारा शिक्षकों के आंदोलन के बाद मुख्य सचिव सुधीर
त्रिपाठी के साथ इनके प्रतिनिधिमंडल की हुई वार्ता में इसपर सहमति बनी थी। इस बैठक
में वित्त विभाग के कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह तथा स्कूली शिक्षा
एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह भी उपस्थित थे।
शिक्षकों से न कराएं गैर शैक्षणिक कार्य
हाईकोर्ट ने कहा है
कि विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्य में न लगाई
जाए। कोर्ट ने इस मामले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई एक्ट) की धारा 27 के
प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। शिक्षकों से बीएलओ का काम
लिए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका निस्तारित करते हुए कोर्ट ने याचीगण के संबंधित
जिलों के जिलाधिकारियों और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे
शिक्षकों का प्रत्यावेदन नियमानुसार निस्तारित करें और आरटीई एक्ट के प्रावधानों
से इतर उनसे कोई काम न लिया जाए।
अनुराग सिंह और 17 अन्य
की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की। याचिका पर अधिवक्ता
नवीन कुमार शर्मा ने पक्ष रखा। याचीगण का कहना था कि परिषद और प्रदेश के अधिकारी
उनसे बीएलओ और अन्य तमाम गैर शैक्षणिक कार्य ले रहे हैं, जबकि
अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 और इस संबंध में बनी नियमावली के नियम 21(3) में साफ
प्रावधान है कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिए जा सकते हैं। एक्ट के
प्रावधानों के अनुसार शिक्षकों से सिर्फ दस वर्ष में होने वाली जनगणना, आपदा राहत कार्य और स्थानीय निकाय या लोकसभा, विधानसभा
चुनाव का कार्य ही लिया जा सकता है।
अधिवक्ता नवीन शर्मा ने प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ और सुनीता शर्मा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए निर्णयों का भी हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि एक्ट के प्रावधानों को देखते हुए अधिकारियों द्वारा शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेने का आदेश अनुचित है। कोर्ट ने याचीगण को निर्देश दिया है कि वे अपनी शिकायत संबंधित डीएम और बीएसए के समक्ष रखें और अधिकारी उस पर आरटीई एक्ट की धारा 27 के प्रावधानों के मद्देनजर निर्णय लें।
अधिवक्ता नवीन शर्मा ने प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ और सुनीता शर्मा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए निर्णयों का भी हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि एक्ट के प्रावधानों को देखते हुए अधिकारियों द्वारा शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेने का आदेश अनुचित है। कोर्ट ने याचीगण को निर्देश दिया है कि वे अपनी शिकायत संबंधित डीएम और बीएसए के समक्ष रखें और अधिकारी उस पर आरटीई एक्ट की धारा 27 के प्रावधानों के मद्देनजर निर्णय लें।
Thursday, May 17, 2018
कोर्ट ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों मे प्रमोशन की अर्हता मे एनसीटीई की गाइड लाइन फॉलो करने के दिए निर्देश: पढें आर्डर का हिंदी में सार
इलाहाबाद
हाइकोर्ट ने दीपक शर्मा (सुप्रीम कोर्ट टी ई टी मेरिट बनाम एकेडेमिक मेरिट मे एकेडेमिक टीम सदस्य) की एक अन्य याचिका पर
उच्च प्राथमिक विद्यालयों मे प्रमोशन की अर्हता मे एनसीटीई की गाइड लाइन फॉलो करने
के निर्देश दिये हैं ।
एनसीटीई की गाइड लाइन 4(बी) के अनुसार "अध्यापकों की एक स्तर से दूसरे स्तर पर पदोन्नति
के लिए पहली और दूसरी अनुसूचियों मे यथानिर्दिष्ट संगत न्यूनतम अर्हताएँ लागू हैं
। "
कक्षा 1 से
कक्षा 8 तक के अध्यापकों के लिए पहली अनुसूची मे न्यूनतम अर्हता का विवरण एनसीटीई
के 23 अगस्त 2010 के नोटिफिकेशन के अनुसार है । जिसमे प्राइमरी स्तर(कक्षा 1 से 5
) पर एंट्री के लिए प्राइमरी टी ई टी तथा जूनियर स्तर(कक्षा 6 से 8) पर एंट्री के
लिए जूनियर टी ई टी अनिवार्य किया गया है ।
प्रमोशन
निम्न प्रकार के होते हैं :-
1-
प्राइमरी (जूनियर बेसिक) के सहायक से
प्राइमरी (जूनियर बेसिक) का हेड मास्टर
2-
प्राइमरी (जूनियर बेसिक) के सहायक से उच्च
प्राथमिक (सीनियर बेसिक) का सहायक
3-
प्राइमरी (जूनियर बेसिक) के हेड
मास्टर उच्च प्राथमिक (सीनियर
बेसिक) का हेड मास्टर
4- उच्च प्राथमिक
(सीनियर बेसिक) के सहायक से उच्च प्राथमिक (सीनियर
बेसिक) का हेड मास्टर
एनसीटीई की
गाइड लाइन 4(बी) के अनुसार स्तर बदलने पर संगत न्यूनतम अर्हताएँ लागू हैं अर्थात
यदि आप प्राइमरी से जूनियर मे जा रहे हैं तब जूनियर लेवल की टी ई टी अनिवार्य होगी
। यदि आप प्राइमरी से प्राइमरी से प्राइमरी (प्रमोशन प्रकार-1) अथवा जूनियर से
जूनियर (प्रमोशन प्रकार-4) तो आप पर
एनसीटीई की गाइड लाइन 4(बी) तथा नोटिफिकेशन 23 अगस्त 2010 बाध्यकारी नही है ।
याचिकाकर्ता
दीपक शर्मा के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट मे चारो प्रकार के प्रमोशन मे टी ई टी की
अनिवार्यता की मांग की गयी थी मगर कोर्ट ने याचिका allow (स्वीकृत) किए जाने के स्थान पर याचिका निस्तारित (dispose) करते हुए एनसीटीई की गाइड लाइन का पालन किए जाने का निर्देश दिया है ।
यूटा पदोन्नति में टी.ई.टी.अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में करेगा विशेष अपील
पदोन्नति
में टेट अनिवार्यता के खिलाफ अपील करेगा यूटा
फैजाबाद- यूटा,फैजाबाद ने आज एक
अति आवश्यक बैठक अपने शहर कार्यालय पर आहूत की।जिसमें जिला संयोजक,बलबीर सिंह ने उपस्थित सभी
सदस्यों को सम्बोधित करते हुये बताया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति
सम्बन्धी एक याचिका पर सुनवाई करते हुये एन.सी.टी.ई.द्वारा गत 12-11-2014 के आदेश
में पैरा 4(बी) नियम को सही ठहराते हुये स.अ.प्रा.वि.की प्र.अ.प्रा.वि.व स.अ.,पू.मा.वि. व स.अ.पू.मा.वि.से प्र.अ.,पू.मा.वि.में
पदोन्नति हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा(टी.ई.टी.) उत्तीर्ण करने को अनिवार्य बताया
है। उन्होंने बताया कि एन.सी.टी.ई.का यह आदेश पूर्णतय: तुगलकी फरमान के समान है
जिसे यूटा,फैजाबाद कभी भी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं
करेगा।जिला संयोजक बलबीर सिंह ने उक्त आदेश पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते हुये कहा कि
उक्त आदेश जारी होने के बाद से विभाग में सभी नियुक्त शिक्षक टेट परीक्षा उत्तीर्ण
हैं। अत: एन.सी.टी.ई.का उक्त आदेश जारी होने की तिथि से पूर्व नियुक्त शिक्षक व
उसी संवर्ग में पदोन्नत शिक्षकों की अगली पदोन्नति में टेट उत्तीर्ण अनिवार्यता
बाध्य करना कहाँ से जायज व उचित है। अन्त में उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में यूटा,फैजाबाद शासन स्तर पर अपनी बात रखेगा।उसके बाद यदि आवश्यक हुआ तो माननीय
उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा कल दिये गये निर्णय के खिलाफ डबल बेंच व सुप्रीम
कोर्ट में भी अपील करेगा। इस निर्णय पर उपस्थित सभी सदस्यों ने ध्वनि मत से
प्रस्ताव पारित किया। उक्त बैठक में जिलासंयोजक बलबीर सिंह के साथ रवीन्द्र प्रताप
सिंह,गोविन्द कुमार वर्मा,ओमकार सिंह,रामराज,अर्चना यादव,संजय पटेल,गयासुद्दीन खान,अल्का अग्रवाल,धर्मराज
द्विवेदी,देवेन्द्र प्रताप,सुनील गिरि,सर्वजीत सिंह,विपिन सिंह,विनय
तिवारी,बसन्त वर्मा,पवन गुप्ता आदि
उपस्थित थे।
यूटा,फैजाबाद पदोन्नति में टी.ई.टी.अनिवार्यता पर सर्वोच्च न्यायालय में करेगा
विशेष अपील। जय यूटा,जय शिक्षक,जय
हिन्द।जय हो,विजय हो।यूटा का एक ही लक्ष्य,शिक्षक हित सर्वोपरि.
Wednesday, May 16, 2018
TET उत्तीर्ण को उच्च प्राथमिक में प्रोन्नति मिले, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश
हाईकोर्ट ने कहा है कि प्राथमिक विद्यालय से जूनियर हाईस्कूल
में प्रोन्नति पाने के लिए उच्च प्राथमिक स्तर का टीईटी पास करना अनिवार्य है। गैर
टीईटी उत्तीर्ण प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक उच्च
प्राथमिक विद्यालयों में प्रोन्नति के लिए अर्ह नहीं हैं। कोर्ट ने इस संबंध में
एनसीटीई द्वारा जारी 12 नवंबर 2014 की अधिसूचना के नियम 4(बी) का पालन करने का निर्देश दिया है।
जितेंद्र शुक्ला और राहुल यादव सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते
हुए न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने यह आदेश दिया। इसी क्रम में अब जूनियर
हाईस्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापकों को भी प्रधानाध्यापक बनने के लिए टीईटी
पास करना होगा। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, सीमांत सिंह और बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता
भूपेंद्र यादव आदि ने पक्ष रखा।
याचीगण का कहना था कि बेसिक शिक्षा परिषद ने 23 मार्च 2018 को सर्कुलर जारी कर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रोन्नति की सूचना जारी
कर दी है। वरिष्ठता सूची भी लगभग तैयार है, मगर इसमें
एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना
का पालन नहीं किया जा रहा है। अधिसूचना के अनुसार उच्च प्राथमिक विद्यालय में
प्रोन्नति के लिए टीईटी अनिवार्य है।
एनसीटीई ने 12
नवंबर 14 को जारी परिपत्र में प्रोन्नति में
भी टीईटी अनिवार्य किया है। इसी प्रकार से 11 फरवरी 2011
को जारी गाइड लाइन में भी कक्षा एक से पांच और छह से आठ तक पढ़ाने
वाले अध्यापकों की नियुक्ति और प्रोन्नति के लिए अलग-अलग टीईटी उत्तीर्ण होना
अनिवार्य है।
कोर्ट ने एनसीटीई के अधिवक्ता से भी इस संबंध में जानकारी मांगी
थी। एनसीटीई की ओर से बताया गया कि नियुक्ति और प्रोन्नति दोनों के लिए टीईटी
उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इसके बाद कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए टीईटी
उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही प्रोन्नति देने का आदेश दिया है।
जूनियर प्रोमोशन में टेट लागूं के संबंध में हाइकोर्ट का आदेश
Tuesday, May 15, 2018
विधायक ने किया सचल आरओ पेयजल वाहन का फीता काटकर शुभारंभ, बच्चों के विकास क्रम में विविध रंगों को भरने की आवश्यकता : मंजुल
वाराणसी: स्थानीय पड़ाव क्षेत्र स्थित डुमरी में बाल
विद्यालय माध्यमिक स्कूल के प्रांगण में सोमवार को विगत एक मई से चल रहे
ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन समारोह संपन्न हुआ। इस दौरान कार्यक्रम का शुभारंभ
मुख्य अतिथि मंजुल पांडेय द्वारा मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप
प्रज्वलन कर किया गया। इस दौरान बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर
माहौल को भव्यता प्रदान की। वही बच्चों ने जूडो, ताइक्वांडो,
भरतनाटय़म सहित विभिन्न प्रस्तुतियों से उपस्थित जनों का मन मोहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंजुल पांडेय ने अपने संबोधन में बच्चों का हौसला बढ़ाते
हुए कहा कि बच्चों के सवार्ंगीण विकास के लिए हर प्रतिभा से अवगत होना अति आवश्यक
है। उन्होंने कहा कि विद्यालय बच्चों की एक ऐसी पाठशाला है जहां बच्चे विविध रंगों
से परिचित होते हैं और अपने जीवन के विकास क्रम में उसे समाहित करते हैं। विद्यालय
के उप प्रबंधक मुकुल पांडेय ने बच्चों को प्रेरणा देते हुए उन्हें लगातार आगे
बढ़ने का आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की संचालिका डा. जयशीला
पांडेय ने ग्रीष्मकालीन शिविर में बच्चों द्वारा सीखे गए की सराहना करते हुए कहा
कि बच्चों में यदि विविध रंगो का समावेश किया जाए तो निश्चित रुप से वह देश के
विकास में अपना योगदान समाहित करने में सफल होंगे। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की
दूसरी प्रह्लाद घाट स्थित शाखा की प्रधानाचार्य स्नेह लता पांडेय सहित विद्यालय के
शिक्षक कर्मचारी व छात्र छात्राएं मौजूद रही।चकिया, चंदौली।
नगर पंचायत द्वारा नगर वासियों को पेयजल की समस्या से निजात दिलाने के लिए तीन
ई-रिक्शा सचल आरओ पेयजल वाहन की सौगात दी गयी है। सोमवार को क्षेत्रीय विधायक
शारदा प्रसाद ने गाजे-बाजे के साथ समारोह पूर्वक मुन्सिफ कोर्ट परिसर से सचल वाहन
का फीता काटकर शुभारम्भ करते हुए रवाना किया। इस अवसर पर विधायक ने कहा कि नगर
वासियों को गर्मी के दिनों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के लिए नगर पंचायत द्वारा
ई-रिक्शा आरओ वाहन को संचालित करना सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि इस सचल पेयजल
वाहन से लोगों को घर बैठे एक बटन दबाने से शुद्ध पानी का लाभ मिलेगा। नगर पंचायत
अध्यक्ष अशोक बागी ने कहा कि तीन सचल पेयजल वाहनों को मुन्सिफ कोर्ट परिसर,
कचहरी परिसर और बीपी सिंह मोड़ के पास से संचालित किया गया। कहा कि
नगर के सभी वाडरे के चौक-चौराहो पर यह गाड़ी आधे-आधे घण्टे रुककर नि:शुल्क शुद्ध
पेयजल मुहैया करायेगी। इस दौरान अधिशासी अधिकारी अशोक कुमार मिश्र, श्यामजी सिंह, डा. प्रदीप मौर्या, सभासद वैभव मिश्रा, मनोज कुमार, मुश्ताक अहमद खान, एड. पंकज सिंह, एड. लालजी सिंह, एड. प्रदीप नारायण सिंह, गौरव श्रीवास्तव सहित तमाम संभ्रान्त लोग मौजूद रहे।
*खराब मौसम एवं भीषण गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी ने इंटरमीडिएट तक के सभी विद्यालयों को मंगलवार से बंद रखने का दिया निर्देश*
वाराणसी/दिनांक
14 मई, 2018
*खराब
मौसम एवं भीषण गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी ने इंटरमीडिएट तक के सभी
विद्यालयों को मंगलवार से बंद रखने का दिया निर्देश*
जिलाधिकारी
ने भीषण गर्मी एवं खराब मौसम को दृष्टिगत रखते हुए जिले के इंटरमीडिएट तक के सभी
विद्यालयों को मंगलवार से आगामी आदेशों तक बंद रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने
बताया कि यह आदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई आदि सभी
विद्यालयों पर लागू होंगे।
Monday, May 14, 2018
UP: 11 बीएसए के तबादला , यहां देखें ट्रांसफर लिस्ट
उत्तर प्रदेश में
प्रशासनिक से लेकर शिक्षा विभाग तक के अफसरों का स्थानांतरण जारी है। शासन ने
सोमवार को आगरा, अमेठी, बलरामपुर व बरेली समेत 26
बीएसए कैडर के अफसरों के ट्रांसफर कर दिए।
उत्तर प्रदेश शैक्षिक सेवा समूह
(सामान्य शिक्षा संवर्ग) में किए गए इस तबादलों के शासनादेश को राज्यपाल की मंजूरी
के बाद जारी कर दिया गया। लखनऊ के जुबली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य योगेंद्र
कुमार को मुरादाबाद का बेसिक शिक्षा अधिकारी बनाया गया है। वहीं, मुरादाबाद
के बीएसए संजय सिंह को डायट मिर्जापुर में वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर तैनाती दी गई
है।
आगरा की बीएसए अर्चना गुप्ता को डायट आगरा का ही वरिष्ठ प्रवक्ता बनाया गया है। बरेली के बीएसए चन्दना राम इकबाल यादव को गोरखपुर डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। अमेठी के बीएसए राजकुमार पंडित को रायबरेली डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता बनाया गया है। वहीं, बलरामपुर के बीएसए रमेश यादव को सोनभद्र डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। ट्रांसफर हुए बीएसए की लिस्ट इस प्रकार है-
आगरा की बीएसए अर्चना गुप्ता को डायट आगरा का ही वरिष्ठ प्रवक्ता बनाया गया है। बरेली के बीएसए चन्दना राम इकबाल यादव को गोरखपुर डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। अमेठी के बीएसए राजकुमार पंडित को रायबरेली डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता बनाया गया है। वहीं, बलरामपुर के बीएसए रमेश यादव को सोनभद्र डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। ट्रांसफर हुए बीएसए की लिस्ट इस प्रकार है-
Sunday, May 13, 2018
सैकड़ों शिक्षकों की नौकरी पर संकट
विज्ञान व गणित के 29334 सहायक
अध्यापकों की भर्ती में अपात्रों की नियुक्ति की शिकायत पर हाईकोर्ट ने जिला बेसिक
शिक्षा अधिकारी को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आदेश में
कहा है कि बिना साइंस या मैथ के स्नातक पास नियुक्त अध्यापकों को सुनकर चार माह
में निर्णय लिया जाए। प्रशिक्षण प्राप्त या प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष के दौरान ही
टीईटी में बैठा जा सकता है। जिन्होंने प्रशिक्षण के प्रथम वर्ष के दौरान ही टीईटी
पास कर नियुक्ति पा ली है, ऐसे अध्यापकों को सुनकर छह माह
में बीएसए निर्णय लें। कोर्ट ने कहा कि तथ्य के विषय की जांच अथॉरिटी द्वारा की
जानी चाहिए। ऐसे में याची अपनी शिकायत संबंधित बीएसए से करें। इस फैसले से सैकड़ों
अध्यापकों की नौकरी जा सकती है।
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने
प्रभात कुमार वर्मा व 53 अन्य की याचिका निस्तारित करते हुए
यह आदेश दिया। 11 जुलाई 2013 की 29334
विज्ञान व गणित सहायक अध्यापकों की भर्ती में मनमानी नियुक्ति के
खिलाफ यह याचिकाएं दाखिल की गईं। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा सीनियर
बेसिक स्कूलों में विज्ञान- गणित या गणित विषय के साथ टीईटी पास होना इसकी अर्हता
है। याची का कहना था कि वही टीईटी परीक्षा में बैठ सकते थे, जो
सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की योग्यता रखते हों। लेकिन प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण
ले रहे लोगों ने परीक्षा दी और सफल होने पर उन्हें नियुक्ति दी गई।
इसके अलावा जिन्होंने स्नातक में विज्ञान या गणित विषय नहीं लिया है और जो प्रशिक्षित नहीं हैं या प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष में नहीं हैं, उन्हें भी नियुक्ति दी गई। याचिकाओं में बीएसए पर बिना योग्यता व अर्हता के लोगों की नियुक्ति देने का आरोप लगाते हुए चुनौती दी गई थी। शासनादेश 2013 के विपरीत मनमानी नियुक्तियों को रद्द किए जाने की मांग की गई। याचिका पर अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभू राय ने पक्ष रखा। कोर्ट ने कहा कि नियमावली 1981 के तहत टीईटी में प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष के छात्र या प्रशिक्षित हो चुके छात्र ही बैठ सकते हैं। ये दोनों प्रश्न तथ्यात्मक हैं। इसलिए पहले इस संबंध में बीएसए निर्णय लें।
इसके अलावा जिन्होंने स्नातक में विज्ञान या गणित विषय नहीं लिया है और जो प्रशिक्षित नहीं हैं या प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष में नहीं हैं, उन्हें भी नियुक्ति दी गई। याचिकाओं में बीएसए पर बिना योग्यता व अर्हता के लोगों की नियुक्ति देने का आरोप लगाते हुए चुनौती दी गई थी। शासनादेश 2013 के विपरीत मनमानी नियुक्तियों को रद्द किए जाने की मांग की गई। याचिका पर अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभू राय ने पक्ष रखा। कोर्ट ने कहा कि नियमावली 1981 के तहत टीईटी में प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष के छात्र या प्रशिक्षित हो चुके छात्र ही बैठ सकते हैं। ये दोनों प्रश्न तथ्यात्मक हैं। इसलिए पहले इस संबंध में बीएसए निर्णय लें।
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