हिंदुत्व के सरोकारों, सांस्कृतिक विरासत
और संस्कृति के लिए जीवन समर्पित कर देने वाले महापुरुषों, संतों
और स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भावी पीढ़ी को बताया जाएगा। बेसिक शिक्षा
विभाग के कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को
जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय
जैसे महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाएगा।
हिंदुत्व के प्रतीक संत बाबा
गोरखनाथ व गंभीरनाथ को भावी पीढ़ी के दिल और दिमाग में बैठाने के लिए इन्हें
पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
प्रदेश में गत वर्ष सत्ता परिवर्तन के बाद ही योगी सरकार ने शैक्षिक सत्र 2018-19 के पाठ्यक्रम में बदलाव का फैसला किया था। कक्षा 6 से 8 के पाठ्यक्रम में हिंदुत्व के लिए संघर्ष करने वाले महापुरुषों, देश की आजादी में योगदान देने वाले राष्ट्रवादी विचारधारा के स्वतंत्रता सनानियों और क्रांतिकारियों को शामिल करना तय किया गया था।
पाठ्यक्रम बदलने के लिए बनी कमेटी ने सरकार, संघ और संगठन स्तर पर उच्च स्तरीय विचार-विमर्श के बाद कक्षा 6 से 8 के पाठ्यक्रम में 16 नए अध्याय शामिल किए हैं।
कक्षा 6 : आल्हा-ऊदल की वीरता की कहानी पढ़ेंगे
प्रदेश में गत वर्ष सत्ता परिवर्तन के बाद ही योगी सरकार ने शैक्षिक सत्र 2018-19 के पाठ्यक्रम में बदलाव का फैसला किया था। कक्षा 6 से 8 के पाठ्यक्रम में हिंदुत्व के लिए संघर्ष करने वाले महापुरुषों, देश की आजादी में योगदान देने वाले राष्ट्रवादी विचारधारा के स्वतंत्रता सनानियों और क्रांतिकारियों को शामिल करना तय किया गया था।
पाठ्यक्रम बदलने के लिए बनी कमेटी ने सरकार, संघ और संगठन स्तर पर उच्च स्तरीय विचार-विमर्श के बाद कक्षा 6 से 8 के पाठ्यक्रम में 16 नए अध्याय शामिल किए हैं।
कक्षा 6 : आल्हा-ऊदल की वीरता की कहानी पढ़ेंगे
कक्षा 6 के पाठ्यक्रम में बाबा गोरखनाथ का जीवन चरित्र पढ़ाया जाएगा। देश और उत्तर
प्रदेश को उनके योगदान के साथ गोरखपुर के गोरक्षनाथ मंदिर के बारे में भी बच्चों
को जानने का मौका मिलेगा। गोरखपुर के शहीद बाबू बंधु सिंह को भी पाठ्यक्रम में
शामिल किया गया है। उन्होंने 1857 में हुई आजादी की पहली
लड़ाई में अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया था। 12 अगस्त 1857
को उन्हें फांसी दी गई।
बच्चों को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। जनसंघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय का देश व समाज के प्रति योगदान और एकात्म मानववाद भी बच्चों को पढ़ाया जाएगा। वहीं बुंदेलखंड के महोबा में जन्मे वीर योद्धा आल्हा-ऊदल की जीवनी और संघर्ष भी बच्चे पढ़ेंगे। सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज की स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका भी बच्चों को बताई जाएगी।
कक्षा 7 : गुरु तेग बहादुर के संघर्ष की गाथा पढ़ेंगे
बच्चों को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। जनसंघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय का देश व समाज के प्रति योगदान और एकात्म मानववाद भी बच्चों को पढ़ाया जाएगा। वहीं बुंदेलखंड के महोबा में जन्मे वीर योद्धा आल्हा-ऊदल की जीवनी और संघर्ष भी बच्चे पढ़ेंगे। सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज की स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका भी बच्चों को बताई जाएगी।
कक्षा 7 : गुरु तेग बहादुर के संघर्ष की गाथा पढ़ेंगे
कक्षा 7 में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन चरित्र पढ़ाया जाएगा। कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने के संघर्ष में मुखर्जी की शहादत भी बच्चों को बताई जाएगी। राष्ट्रगीत वंदे मातरम के रचयिता बंकिमचंद चटर्जी के बारे में भी जानने का मौका मिलेगा। सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर के संघर्ष की गाथा भी पढ़ाई जाएगी। हिंदू धर्म और कश्मीरी पंडितों के लिए उनके संघर्ष की जानकारी बच्चों को दी जाएगी। गोरक्षनाथ पीठ के बाबा गंभीरनाथ और स्वतंत्रता सेनानी तांत्या टोपे का योगदान भी पढ़ाया जाएगा।
कक्षा 8 : आजाद और जेपी के बारे में जानेंगे
कक्षा 8 में सिवनी (मध्य प्रदेश) में जन्मीं रानी अवंतीबाई के भारत के प्रथम
स्वाधीनता संग्राम में अहम योगदान के बारे में बताया जाएगा। क्रांतिकारी चंद्रशेखर
आजाद के साथ ही लोकनायक जयप्रकाश नारायण, बंगाल के प्रमुख
समाज सुधारक संत स्वामी प्रणवानंद तथा स्वामी विवेकानंद के गुरुरामकृष्ण परमहंस के
बारे में भी बच्चे पढे़ंगे।