प्राइमरी स्कूलों में नयी यूनिफॉर्म
नीला और न ही नेवी ब्लू.. और न ही खाकी.. सरकारी
प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को अब इन परम्परागत रंगों से निजात मिलेगी। उन्हें
गाढ़े गुलाबी और भूरे रंग के चेकदार कपड़े की शर्ट और भूरे रंग का पैंट या स्कर्ट
यूनिफॉर्म के तौर पर देने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने यूनिफॉर्म के रंगों पर अपनी सहमति दे दी है। बेसिक शिक्षा विभाग इसके
आधार पर यूनिफॉर्म के लिए आदेश जारी करने की तैयारी कर रहा है। मुख्यमंत्री
यूनिफॉर्म के मौजूदा खाकी रंग से असहमत थे और उन्होंने रंग बदलने के निर्देश दिए
थे। बीते दिनों एक बैठक में उन्होंने अपने मंत्रियों से रंग पर चर्चा की तो
यूनिफॉर्म का रंग भगवा, केसरिया लाल के करने के सुझाव आए लेकिन
उन्होंने साफ कर दिया था कि यूनिफार्म का रंग बच्चों की पसंद का होगा। लिहाजा
उन्होंने बच्चों को पसंद आने वाले रंगों को सहमति दी है।गाढ़े गुलाबी और भूरे रंग
के चेक की शर्ट और भूरे रंग का पैंट या स्कर्ट बनवाया जाएगा। हालांकि पैटर्न बदलने
पर सहमति नहीं बन सकी। सूत्रों के मुताबिक, सेंट्रल स्कूल की
यूनिफॉर्म के पैटर्न पर यूनिफॉर्म बनाने पर चर्चा की गई लेकिन इस पैटर्न में न
सिर्फ कपड़ा ज्यादा लगेगा बल्कि सिलाई भी ज्यादा होगी। वहीं राज्य सरकार का लोगो
शर्ट पर बनवाने पर चर्चा की गई लेकिन इसमें भी बजट बढ़ जाता। लिहाजा शर्ट और
स्कर्ट या पैंट और सलवार कुर्ते ही यूनिफॉर्म के तौर पर दिए जाएंगे। पूर्ववर्ती
सपा सरकार ने यूनिफॉर्म का रंग हल्के नीले व नेवी ब्लू रंग से बदल कर खाकी कर दिया
था।सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रति बच्च 200 रुपये यूनिफॉर्म के लिए दिए जाते
हैं। सरकारी व सहायताप्राप्त स्कूलों के 2 करोड़ से ज्यादा बच्चों को यूनिफॉर्म दी
जानी है। इसके लिए कपड़ा विद्यालय प्रबंध समिति खरीदती है और दर्जी बैठाकर हर
बच्चे के नाप की दो जोड़ी यूनिफॉर्म दी जाती है। वहीं इस बार जूते मोजे भी सरकार
ही देने वाली है।