विभागाध्यक्षों
को मिला तबादले का अधिकार
स्थानांतरण
नीति का शासनादेश जारी
राज्य
सरकार ने समूह क व ख स्तर के अधिकारियों के स्थानांतरण का अधिकार विभागाध्यक्षों
को दे दिया है। विभागाध्यक्ष शुक्रवार से इस स्तर के अधिकारियों का स्थानांतरण कर
सकेंगे। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने गुरुवार को आदेश जारी करते हुए सभी
विभागाध्यक्षों को निर्देश भेज दिए हैं। यह नीति सचिवालय सेवा पर लागू नहीं होगी।
तबादला रुकवाने के लिए सिफारिश लगाने वाले को निलंबित किया जाएगा।
नीति
के मुताबिक, जिलों में लगातार छह साल व
मंडलों में 10 साल तक नौकरी करने वाले
अधिकारियों व कर्मचारियों को स्थानांतरित किया जाएगा। व्यक्तिगत कारणों, जैसे बीमारी व बच्चों की पढ़ाई के आधार पर स्थान रिक्त होने या दूसरे
अधिकारी व कर्मचारियों के सहमत होने पर स्थानांतरण व समायोजन किया जाएगा।
पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हों तो उन्हें एक ही जिले में स्थानांतरित किया
जा सकेगा। विभागाध्यक्ष 30 जून तक ही स्थानांतरण कर
सकेंगे।
एक
सप्ताह में देनी होगी जॉइनिंग
नीति
के तहत स्थानांतरित अफसरों व कर्मियों को एक सप्ताह में नए तैनाती स्थल पर जॉइनिंग
देनी होगी। स्थानांतरित अधिकारियों,
कर्मियों
को कार्यमुक्त न करने वाले को दोषी माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
स्थानांतरण के बाद भी न जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बुंदेलखंड में
तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को तब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक इस पद पर दूसरा नहीं आ जाएगा। यह प्रतिबंध आईएएस, आईपीएस, पीसीएस व पीपीएस
अधिकारियों पर लागू नहीं होगा।
सर्व
शिक्षा में जमे अफसरों की मूल विभाग में वापसी
दागी
अफसरों को महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती नहीं
मुख्य
सचिव ने विभागाध्यक्षों को भेजे निर्देश में कहा है कि दागी अधिकारियों व
कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती नहीं दी जाएगी। मानसिक रूप से विक्षिप्त
बच्चों के माता-पिता को तैनाती उनसे विकल्प लेकर दिए जाएंगे। समूह क स्तर के
अधिकारियों को उनके गृह मंडल में तैनाती नहीं दी जाएगी। समूह ख स्तर के अधिकारियों
को उनके गृह जिले में तैनाती नहीं दी जाएगी। निशक्त,
आश्रित
परिवारीजन यदि निशक्त हैं तो उन्हें इससे मुक्त रखा जाएगा। निशक्तों के अनुरोध पर
उन्हें गृह जिले में तैनाती दी जाएगी।
कर्मचारी
नेताओं को छूट
मान्यता
प्राप्त सेवा संघों के अध्यक्ष व सचिव को पदभार ग्रहण करने के दो साल तक
स्थानांतरित नहीं किया जाएगा,
भले
ही वे एक ही जिले में छह साल व मंडल में 10
साल
की सेवा पूरी कर रहे हों। स्थानांतरण बहुत जरूरी होने पर उच्च स्तर पर अनुमोदन
लेना होगा।