शिक्षक की डायरी में छात्रों की 'कुंडली'
परिषदीय स्कूलों के शिक्षक नए सत्र से न सिर्फ अपने पास डायरी रखेंगे, बल्कि
छात्रों का मूल्यांकन भी करेंगे। जो छात्र या छात्रा पढ़ने में कमजोर मिलेंगे उनकी
शिक्षा पर उन्हें विशेष ध्यान देना होगा। सर्वशिक्षा अभियान के तहत इस योजना के क्रियान्वयन
के लिए प्रति छात्र उन्हें बजट भी मिलेगा। शासन ने लर्निग एनहैंसमेंट कार्यक्रम के
तहत यह निर्णय लिया है।
प्रत्येक बच्चे का दाखिला कराने की नीति पर काम कर रही सरकार चाहती है कि
प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे निजी स्कूलों के बच्चों की तरह ही पढ़ने
में तेज हों। डायरी उपलब्ध कराने के साथ शिक्षकों को एक प्रारूप उपलब्ध कराया
जाएगा जिसके तहत शिक्षक पढ़ाने से पहले उसमें छात्रों की उपस्थिति अंकित करेंगे।
वह यह भी लिखेंगे कि उन्होंने उस दिन कौन सा पाठ पढ़ाया। उनकी कक्षा में कौन सा
छात्र या छात्रा पढ़ने में तेज है और कौन कमजोर, इसका पूरा विवरण अपनी
डायरी में रखेंगे। जो बच्चे पढ़ने में कमजोर होंगे वह उनसे बातचीत कर यह जानने की
कोशिश करेंगे कि आखिर उन्हें समस्या कहां आ रही है। अन्य बच्चों के साथ उनका
व्यवहार कैसा है इसका भी आंकलन करेंगे। डायरी में बच्चों के व्यक्तिगत विवरण जैसे
छात्र कितने भाई बहन हैं। उसके भाई बहन पढ़ते हैं कि नहीं, परिवार
की स्थिति आदि अंकित करना होगा। शिक्षक अपनी डायरी भर रहे हैं या नहीं इसकी जांच
भी होगी।
साभार दैनिकजागरण