स्कूलों में नैतिक विज्ञान पढ़ाने के मामले में केंद्र से जवाब तलब
नई
दिल्ली । स्कूलों में नैतिक विज्ञान की पढ़ाई होनी चाहिए या नहीं।
केंद्र सरकार और सीबीएसई से स्कूलों में नैतिक विज्ञान विषय को जरूरी
बनाने के लिए कहा जा सकता है या नहीं। इन सभी पहलुओं पर सुप्रीम कोर्ट
फैसला करेगा। चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक महिला
वकील संतोष सिंह की याचिका पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सीबीएसई को
नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। याचिका में कहा गया है
कि पहली से 12वीं कक्षा तक नैतिक विज्ञान को आवश्यक विषय बनाया जाना
चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव करने की गुहार करते हुए कहा गया कि
देश हित के लिए बच्चों में राष्ट्रीय भावना जगाने की जरूरत है। पीठ ने इस
बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि यह विषय स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं
है। पीठ ने कहा कि हमें ध्यान है कि जब हम स्कूल में पढ़ते थे तो इस विषय
की पढ़ाई होती थी। इस पर याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि अब इस विषय को
पाठ्यक्रम से हटा लिया गया है। केंद्र या सीबीएसई से मान्यता प्राप्त
स्कूलों में अब यह विषय जरूरी नहीं रहा। याचिका में कहा गया है कि समाज में
तेजी से नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है। लोगों के जीवन में पैसा कमाना
ही एकमात्र उद्देश्य बन गया है।