Thursday, February 26, 2015

एकीकृत राज्य कर्मचारी परिषद में पड़ी फूट

लखनऊ । एकीकृत राज्य कर्मचारी परिषद में फूट पड़ गई है। तीन गुटों की एकता के बाद यह परिषद वजूद में आई थी। इनमें से एक गुट राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एसपी तिवारी और महामंत्री आरके निगम ने एकीकृत परिषद के मनोनीत अध्यक्ष समेत चार पदाधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए 26 फरवरी को आयोजित संकल्प दिवस में हिस्सा न लेने का फैसला किया है।
एसपी तिवारी ने ‘अमर उजाला’ को बताया कि तीनों गुटों की चुनी हुई जिला शाखाओं को भंग करने, मनोनीत चार पदाधिकारियों के खुद को निर्वाचित घोषित करने और केंद्रीय कार्यकारिणी का मनमाने ढंग से विस्तार करने जैसे संगठन विरोधी कामों को मनोनीत अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने अंजाम दिया है। ये कार्यवाहियां 9-10 जनवरी को लखनऊ में हुए अधिवेशन में पारित ‘एकता प्रस्ताव’ के खिलाफ हैं। इससे सबको साथ लेकर चलने का उद्देश्य ही खत्म हो गया है। इसलिए फैसला किया गया है कि 26 फरवरी के संकल्प दिवस में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की जिला इकाइयां और संबद्ध संगठन हिस्सा नहीं लेंगे। महामंत्री आरके निगम ने बताया कि सभी जिला शाखाएं पहले की तरह काम करती रहेंगी, लेकिन एकीकृत परिषद के मनोनीत अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी के स्तर से घोषित किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगी। इसकी सूचना प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (कार्मिक/नियुक्ति) और सभी जिलाधिकारियों को भेज दी गई है।
उधर, एकीकृत परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि एसपी तिवारी 15 साल पहले रिटायर हो चुके हैं। तय हुआ था कि सेवानिवृत्त कर्मचारी नेता पद की लालसा नहीं करेगा, लेकिन एसपी तिवारी पद का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं।
•राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद आज संकल्प दिवस में नहीं लेगी हिस्सा
•एसपी तिवारी ने एकीकृत संगठन के अध्यक्ष पर लगाया मनमानी का आरोप
साभार अमरउजाला