शिक्षकों
को तीन साल में पदोन्नति का भरोसा
कई
मांगों पर बनी सहमति : रामगोविंद,
मुख्यमंत्री
से मिला 23 दिसंबर को वार्ता का न्यौता
अमर
उजाला ब्यूरो
लखनऊ। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने शिक्षकों के प्रदर्शन में उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी महत्वपूर्ण मांगों पर सहमति बन गई है। परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की वेतन विसंगतियां दूर करने पर सहमति बन गई है। न्यूनतम मूल वेतन 17,140 से 18,150 से कम पुराने शिक्षकों को भी नहीं दिया जाएगा। मृतक आश्रित कोटे पर पहले नियुक्तियां कर ली जाएंगी। इसके बाद अर्हता के आधार पर बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जाएगा और टीईटी पास करने वाले को शिक्षक बनाया जाएगा। उन्होंने शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री का न्यौता देते हुए कहा कि वह उनसे 23 दिसंबर को अपने आवास पर वार्ता करना चाहते हैं।
मंत्री
ने कहा कि बेसिक शिक्षकों को पांच वर्ष के स्थान पर तीन वर्ष में पदोन्नति देने पर
भी सहमति बनी है। पुरानी पेंशन नीति, शिक्षा मित्रों को
शिक्षक बनाने, तदर्थ
शिक्षकों को विनियमित करने पर भी विचार किया गया है। शिक्षा मित्रों के मामले में
कहा कि वह विधानसभा में कह चुके हैं कि शिक्षक बनाया जाएगा सो ऐसा ही होगा।
उत्तर
प्रदेश शिक्षक महासंघ के आह्वान पर यहां ज्योतिबा फुले पार्क में आयोजित प्रदर्शन
में प्रदेशभर के शिक्षक जुटे। शिक्षकों को मुख्यमंत्री के आने का इंतजार था, लेकिन वह नहीं आए।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि शिक्षक संघ के मांग पर
पिछले चार दिनों से लगातार कई बैठकें हुईं और इसमें कई मांगों पर सहमति बनी है।
माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री विजय बहादुर पाल ने कहा कि सपा सरकार ने पहले भी
शिक्षकों की मांगें पूरी की हैं और अब भी पूरी करेगी।