रोक
नहीं, फिर भी रुकी हैं शिक्षकों की नियुक्तियां
• अमर उजाला ब्यूरोलखनऊ। न शासन से कोई रोेक न अदालत की। फिर भी चयनित 1425 राजकीय शिक्षकों को नियुक्ति पत्र नहीं दिए जा रहे। ये चयन पिछले साल हुए थे। कोर्ट के एक आदेश को समझने में हुई चूक का नतीजा है कि अभ्यर्थी एक साल से भटक रहे हैं। हाईकोर्ट नौकरी देने के लिए आदेश पर आदेश जारी कर रहा है लेकिन अफसरों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
राजकीय
इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड पुरुष वर्ग की नियुक्ति प्रक्रिया अक्तूबर-2012 में पूरी हो गई थी।
मंडल स्तर पर यह भर्तियां आयोजित की गई थीं। जब यह प्रक्रिया पूरी हो गई तभी कुछ
अभ्यर्थी परास्नातक डिग्री के अतिरिक्त अंकों केविरोध में कोर्ट चले गए। कोर्ट
जाने वाले अभ्यर्थियों का तर्क था कि जिन्होंने ऐसे विषय में परास्नातक किया है जो
उनके पास स्नातक में नहीं है, उन्हें अतिरिक्त अंकों का लाभ न दिया
जाए। बाद में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पूरी नियुक्तियां ही रोक दीं।
दूसरे
पक्ष के अभ्यर्थी भी कोर्ट गए। इस पर कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को स्पष्ट करते
हुए यह भी कह दिया कि जिन्होंने ऐसे विषय में परास्नातक किया है जो उनके पास
स्नातक में था तो उनको नियुक्तियां दे दी जाएं। इस आदेश को शासन ने भी माना और शिक्षा
निदेशक से नियुक्तियों पर रोक के संबंध में जवाब मांगा है। इसके बावजूद संयुक्त
शिक्षा निदेशक कार्यालयों से उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिए जा रहे। जबकि पांच
मंडलों में 76 अभ्यर्थियों
को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं।
राजकीय
इंटर कॉलेजों में 1425 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का मामला