Wednesday, July 10, 2019

लखनऊ: सरकार न मानी तो कामकाज ठप करेंगे कर्मचारी-शिक्षक


राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों ने अपने लंबित मामलों पर निर्णय के लिए सरकार को 22 जुलाई तक समय दिया है। सार्थक निर्णय न होने पर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है। कर्मचारी व शिक्षक जबरन सेवानिवृत्ति, वेतन विसंगति और निर्णयों पर अमल न होने का विरोध कर रहे हैं। उनकी सूची में कैशलेस इलाज सहित कई मांगें भी शामिल हैं।
कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के घटक संगठनों की बैठक में मंगलवार को तय हुआ कि मांगों और समस्याओं को लेकर आंदोलन से पहले राज्य सरकार को पत्र भेजकर समयबद्ध सार्थक निर्णय लेने का आग्रह किया जाएगा। सरकार ने यदि 22 जुलाई तक निर्णय न लिया तो इसी दिन मोर्चा कार्यसमिति की बैठक बुलाकर आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। मोर्चा अध्यक्ष वीपी मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में वक्ताओं ने मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ विभिन्न ¨बदुओं पर सहमति बनने के बाद भी निर्णय न लिए जाने पर नाराजगी जताई।
बैठक में स्थानांतरण नीति पर भी विरोध दर्ज कराया गया। कर्मचारियों की नाराजगी सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थानांतरित किए जाने को लेकर थी। राज्य कर्मचारियों ने जिला अस्पतालों तथा सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को थ्री-पी मोड पर चलाने की सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए इसे कार्मिक विरोधी कार्यवाही करार दिया।