एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक भर्ती के
लिए लिखित परीक्षा
प्रधानाध्यापकों की भर्ती भी लिखित परीक्षा के आधार पर करने का इरादा चयन में भाई-भतीजावाद व
भ्रष्टाचार रोकने को सीएम ने दिया था निर्देश
परिषदीय विद्यालयों की तरह अब प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड)
जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए भी लिखित
परीक्षाएं होंगी। एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक भर्ती में प्रबंधतंत्र की
मनमानी और भ्रष्टाचार रोकने के लिए शासन यह कदम उठाने जा रहा है।
प्रदेश में 3082
एडेड
जूनियर हाईस्कूल हैं जिनमें शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के लगभग 24000 पद सृजित
हैं। वर्तमान में एनसीटीई द्वारा जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों के लिए निर्धारित
शैक्षिक योग्यता हासिल करने के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने
वाले अभ्यर्थियों को एडेड जूनियर हाईस्कूल का प्रबंधतंत्र साक्षात्कार के आधार पर
नियुक्त करता है। इसके लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का अनुमोदन लिया जाता है।
साक्षात्कार के आधार पर होने वाले इस चयन में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की
शिकायतें शासन को लगातार मिल रही थीं। शिक्षा की गुणवत्ता अलग प्रभावित हो रही थी।
लिहाजा हाल ही में बेसिक शिक्षा विभाग के कामकाज के दौरान मुख्यमंत्री ने एडेड
जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों का चयन मेरिट के आधार पर
पारदर्शी तरीके से करने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में बेसिक शिक्षा निदेशालय
ने शासन को एडेड जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की भर्ती राज्य
स्तर पर आयोजित की जाने वाली लिखित परीक्षा के आधार पर कराने का प्रस्ताव भेजा है।
इसके लिए उत्तर प्रदेश (मान्यताप्राप्त जूनियर हाईस्कूल) अध्यापकों की भर्ती
नियमावली, 1978 में संशोधन
किया जाएगा। एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए निर्धारित
शैक्षिक योग्यता यथावत रहेगी। वहीं प्रधानाध्यापक की भर्ती के लिए बतौर शिक्षक
पांच साल का अनुभव जरूरी है। शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए
अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे।
भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के आधार पर गुणांक का निर्धारण परिषदीय
शिक्षकों की भर्ती के लिए अपनाये जाने वाले फॉमरूले के आधार पर होगा। गुणांक
निर्धारण में हाईस्कूल,
इंटरमीडिएट, स्नातक और
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के प्राप्तांक प्रतिशत में से प्रत्येक का 10 फीसद और
लिखित परीक्षा के प्राप्तांक का 60
प्रतिशत
जोड़ा जाएगा। शिक्षक पद पर चयनित अभ्यर्थियों को जिले और विद्यालय का आवंटन उनकी
रैंक और विकल्प के आधार पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा। प्रस्ताव को
कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है।