मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बेसिक माध्यमिक व उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षण
संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती के लिए एक आयोग बनाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश
में बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा से
जुड़े शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती के लिए एक आयोग बनाने का निर्देश
दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिक्षा विभाग को जल्द ही इस बारे में प्रस्ताव
उपलब्ध कराने के लिए कहा है। शीर्ष स्तर से यह निर्देश मिलने के बाद शिक्षा विभाग
इस कवायद में जुट गया है।
फिलहाल
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती सचिव
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की देखरेख में होती है। वहीं राजकीय माध्यमिक
विद्यालयों और राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों के चयन की जिम्मेदारी उप्र लोक
सेवा आयोग पर है। वहीं अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और
प्रधानाचार्यों का चयन उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और अनुदानित
महाविद्यालयों के शिक्षक व प्राचार्य उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा चुने जाते
हैं। लोक सेवा आयोग के जरिये शिक्षकों की भर्ती जहां कछुआ चाल से होती है, वहीं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा
चयन आयोग भी वांछित परिणाम देने में नाकाम रहे हैं।
सूबे की सत्ता संभालने के फौरन बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के
समक्ष किये गए प्रस्तुतीकरण में बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय शिक्षकों के चयन के
लिए उप्र बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन की पेशकश की थी। मुख्यमंत्री ने इससे
सहमति जताते हुए बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन के लिए कार्यवाही करने के लिए
कह था। इस पर बेसिक शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की तर्ज पर
उप्र बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन का खाका खींचा था।
विभाग की
ओर से वर्ष 2017 में तैयार किये गए प्रस्ताव में
बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा 10 सदस्यों
की नियुक्ति का प्रावधान किया था। बोर्ड के गठन का उद्देश्य परिषदीय स्कूलों के
शिक्षकों के अलावा सहायताप्राप्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के अध्यापकों व
प्रधानाचार्यो का भी चयन करना था। इस सिलसिले में शुरुआती कवायद के बाद उप्र बेसिक
शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन का मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
इसी तरह
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भंग कर उनके स्थान
पर उप्र संयुक्त शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के लिए भी वर्ष 2017 में कवायद हुई थी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने संयुक्त शिक्षा
सेवा चयन आयोग के गठन के लिए विधेयक का प्रारूप भी तैयार किया था लेकिन यह प्रकरण
भी हाशिये पर डाल दिया गया। अब
मुख्यमंत्री की ओर से बेसिक, माध्यमिक
व उच्च शिक्षा के शिक्षकों की भर्ती के लिए एक आयोग के गठन का निर्देश दिये जाने
के बाद इस दिशा में फिर हलचल शुरू हुई है।