कक्षा पांच और आठ में
छात्रों को फेल किए बिना उनकी प्राथमिक शिक्षा पूरी कराने वाली नो डिटेंशन पॉलिसी
को खत्म करने की पहली पायदान बुधवार को पार हो गई। लोकसभा में इस पॉलिसी को खत्म
करने के लिए राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंप्लसरी एजुकेशन (दूसरा संशोधन) बिल 2017 पारित
हो गया। हालांकि राज्यसभा में पास होने के बाद ही ये लागू हो पाएगा। उसके बाद भी
गेंद राज्य सरकारों के कोर्ट में होगी कि वे संशोधन लागू कर इस पॉलिसी को खत्म
करती हैं या नहीं।
कक्षा 5 व 8 में फेल
करने से रोकने वाली पॉलिसी के खात्मे को राइट टू एजुकेशन बिल में संशोधन पारित
राज्यसभा में रखा जाएगा अब बिल, लागू करना या नहीं करना राज्य सरकारों पर निर्भर
दरअसल 22 राज्यों ने इस पॉलिसी के कारण शिक्षा का स्तर गिरने की बात कहते हुए इसके खात्मे की मांग केंद्र सरकार से की थी। इसके बाद संशोधन का फैसला लिया गया था। संशोधित बिल के तहत अब कक्षा पांच और आठ में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले छात्रों को एक और मौका दिया जाएगा। इस परीक्षा में भी अगर छात्र स्तरीय प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं तो उन्हें फेल घोषित कर दोबारा उसकी कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। बिल पास होने पर कक्षा पांच और आठ की परीक्षाएं भी अनिवार्य हो जाएंगी। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस बिल के पास होने पर प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
राज्यसभा में रखा जाएगा अब बिल, लागू करना या नहीं करना राज्य सरकारों पर निर्भर
दरअसल 22 राज्यों ने इस पॉलिसी के कारण शिक्षा का स्तर गिरने की बात कहते हुए इसके खात्मे की मांग केंद्र सरकार से की थी। इसके बाद संशोधन का फैसला लिया गया था। संशोधित बिल के तहत अब कक्षा पांच और आठ में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले छात्रों को एक और मौका दिया जाएगा। इस परीक्षा में भी अगर छात्र स्तरीय प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं तो उन्हें फेल घोषित कर दोबारा उसकी कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। बिल पास होने पर कक्षा पांच और आठ की परीक्षाएं भी अनिवार्य हो जाएंगी। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस बिल के पास होने पर प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।