बेसिक शिक्षा विभाग
के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने चेतावनी दी है कि बीएसए और शिक्षक अपना काम
जिम्मेदारी से करके नतीजे दें या नौकरी छोड़ दें। उन्होंने ट्वीट किया कि शिक्षकों
और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन, ग्रेच्युटी और
अवकाश नकदीकरण के भुगतान की स्वीकृति में चल रहा भ्रष्टाचार का खेल अब नहीं चलेगा।
विभाग में सिटीजन चार्टर लागू करने
के अगले ही दिन रविवार सुबह ट्वीट में अपर मुख्य सचिव ने सभी बीएसए को निर्देश दिए
हैं कि वे सुनिश्चित करेंगे कि शिक्षकों व कर्मचारियों के बकाया भुगतान, लाभ-परिलाभ
और अवकाश स्वीकृतियां निर्धारित अवधि में पूरी हों। वह खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे,
यदि बीएसए ने समय पर काम नहीं किया या कराया तो फिर कार्रवाई झेलने
के लिए तैयार रहें।
अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों को भी समय पर कक्षा में उपस्थित होने, विद्यालयों में बेहतर शैक्षिक माहौल तैयार करने और विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देने की नसीहत दी है।
अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों को भी समय पर कक्षा में उपस्थित होने, विद्यालयों में बेहतर शैक्षिक माहौल तैयार करने और विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देने की नसीहत दी है।
2 से 10 प्रतिशत तक है खेल
बेसिक शिक्षा विभाग में 35-40
साल की सेवा के बाद मिलने वाली पेंशन, ग्रेच्युटी
और अवकाश नकदीकरण का भुगतान लेने के लिए 2 से 10 प्रतिशत रिश्वत का खेल चलता है। बीएसए कार्यालय से लेकर कोषाधिकारी
कार्यालय तक की मिलीभगत से चल रहे इस खेल में जो शिक्षक या कर्मचारी रिश्वत देते
हैं, उन्हें समय पर भुगतान मिलता है, वरना
भुगतान के लिए महीनों तरसना पड़ता है।
कोषाधिकारी पर भी कसी जाए लगाम
शिक्षकों और कर्मचारियों के पेंशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण का समय पर भुगतान कराने के लिए कोषाधिकारी पर भी लगाम कसनी जरूरी है। ऐसे अनेक मामले हैं जब शासन या निदेशालय के दबाव में बीएसए फाइल को कोषालय भेज देते हैं, लेकिन कोषाधिकारी कार्यालय में फाइल धूल खाती रहती है।
कोषाधिकारी पर भी कसी जाए लगाम
शिक्षकों और कर्मचारियों के पेंशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण का समय पर भुगतान कराने के लिए कोषाधिकारी पर भी लगाम कसनी जरूरी है। ऐसे अनेक मामले हैं जब शासन या निदेशालय के दबाव में बीएसए फाइल को कोषालय भेज देते हैं, लेकिन कोषाधिकारी कार्यालय में फाइल धूल खाती रहती है।