एक स्कूल जिसमें है
सिर्फ एक ही कक्षा
इटानगर (एजेंसी)। केंद्र सरकार की एक योजना
के तहत 2009 में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व कामेंग जिले में एक ऐसे स्कूल की स्थापना की
गई जिसमें एक ही कक्षा है,
वह भी सिर्फ दसवीं। इस साल इस कक्षा के
छात्रों को बोर्ड की परीक्षा देनी होगी। एकलव्य मॉडल आवास स्कूल ने अपनी यात्रा की
शुरुआत 54 छात्रों को छठी कक्षा में दाखिला देकर की थी। चार साल बाद एक बच्चे को
छोड़कर अब 53 छात्र इस विद्यालय में दसवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं। तब से अब तक कोई नया
दाखिला नहीं हुआ है। विद्यालय में और छात्रों के दाखिला नहीं लेने का कारण यह है
कि वहां पर्याप्त शिक्षण और गैर शिक्षण स्टाफ नहीं है। गौरतलब है कि 2009 के बाद से इस
विद्यालय में न तो शिक्षकों की भर्ती हुई है और न ही छात्रों की। नौवीं पंचवर्षीय
योजना के तहत केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने इस एकलव्य मॉडल आवास स्कूल
योजना के तहत 100 मॉडल स्कूल स्थापित करने का फैसला किया था। इनमें से दो अरुणाचल प्रदेश में
स्थापित किए जाने थे जिनमें एक स्कूल राज्य के पूर्व कांमेग जिले में और दूसरा
त्वांग जिले के लूमला में। ये दोनों स्कूल अरुणाचल प्रदेश आवासीय एवं शैक्षिक
कल्याण सोसायटी के तहत पंजीकृत थे। इसके प्रबंधन को देखने के लिए एक राज्य स्तरीय
समिति बनाई गई थी जिसने इन स्कूलों को ऐसे गैर सरकारी संगठनों को सौंपने का फैसला
किया था जो राज्य में सक्रिय हैं। पूर्वी केमांग जिले में विद्यालय को चलाने के
लिए राज्य सरकार ने 29 मई 2009 को विवेकानंद केंद्रीय विद्यालय ट्रस्ट के साथ एक आपसी सहमति पत्र पर
हस्ताक्षर किए थे। जनजातियों मामलों के मंत्रालय द्वारा दी गई इमारत में दो महीने
के भीतर ही ट्रस्ट ने शिक्षा सत्र शुरू कर दिया था। 2011 में ईएमआरएस
स्कूल के प्रिंसिपल का कार्यभार संभालने वाले ओमनाकुट्टन का कहना है कि बच्चों का
प्यार और शिक्षा के प्रति उत्साह ही है जिसके लिए हम यहां लगे हुए हैं। हम अभी भी
उनके साथ हैं। हम उन्हें आधे रास्ते पर छोड़कर नहीं जा सकते।