Wednesday, February 26, 2014


हर विकासखंड में खुलेगा परिषदीय मॉडल स्कूल

लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में भी अब प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर शिक्षण व्यवस्था होगी। कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षा एक ही कैंपस में दी जाएगी। इन स्कूलों में सबसे योग्य शिक्षक रखे जाएंगे। इन शिक्षकों को जिले में मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए हर ब्लॉक (विकासखंड) में एक मॉडल स्कूल तैयार किया जाएगा। इसकी सफलता के बाद ग्राम स्तर पर एक मॉडल स्कूल खोला जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग प्रारूप तैयार कर रहा है। नए शिक्षण सत्र जुलाई से यह व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। इन स्कूलों का संचालन खंड शिक्षाधिकारियों की सीधी देखरेख में होगा।

बेसिक शिक्षा परिषद कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहा है। इसके लिए 300 की आबादी पर एक प्राइमरी स्कूल और 800 की आबादी पर एक उच्च प्राइमरी स्कूल खोले गए हैं। आबादी के आधार पर स्कूल भले ही खोल दिए गए हैं, लेकिन परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बहुत अच्छा नहीं है। इसलिए इन स्कूलों में पढ़ाई का बेहतर माहौल बनाने के लिए नए प्रयोग की तैयारी है। बेसिक शिक्षा विभाग चाहता है कि प्रत्येक ब्लॉक में एक ऐसा स्कूल चुना जाए जिसमें प्राइमरी और उच्च प्राइमरी वर्ग एक ही कैंपस में हो।

ऐसे स्कूलों को चयनित करने के बाद उसमें बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। मसलन, बिजली, पानी के साथ कंप्यूटर की व्यवस्था भी की जाएगी। इन स्कूलों में ब्लॉक के सबसे अच्छे शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसमें एक ही हेड मास्टर होगा जो प्राइमरी और उच्च प्राइमरी दोनों का प्रभारी होगा। अभी दोनों स्कूलों के अलग-अलग हेड मास्टर होते हैं। शिक्षक प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर बच्चों को शिक्षित करेंगे। इन बच्चों का समय-समय पर टेस्ट लिया जाएगा ताकि यह मूल्यांकन हो सके कि पढ़ाई से वे कितने प्रभावित हो रहे हैं। सालभर में कक्षा में अव्वल आने वाले कुछ बच्चों को सम्मानित भी किया जाएगा। ब्लाक स्तर पर यह प्रयोग सफल होने पर प्रत्येक गांव में ऐसे स्कूलों का चयन किया जाएगा।

एसएमसी रखेगी शिक्षकों पर नजर

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रत्येक स्कूलों में बनाई गई स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) को और सक्रिय किया जाएगा। एसएमसी यह देखेगी कि स्कूल में बच्चों को कैसी शिक्षा दी जा रही है। शिक्षक कब स्कूल आते हैं, कब नहीं। शिक्षकों को छुट्टी लेने से पहले एसएमसी से अनुमति लेनी होगी। कमेटी यह व्यवस्था करेगी कि एक समय पर सभी शिक्षक स्कूल से गायब न हों। इसके अलावा एसएमसी को प्रत्येक माह पैरेंट टीचर मीटिंग करनी होगी। इसमें स्कूल आने वाले बच्चों की पढ़ाई के साथ खामियों पर चर्चा की जाएगी।

 साभार अमरउजाला