Thursday, February 27, 2014

यूपी में फिर होगी शिक्षकों की बंपर भर्ती



यूपी के राजकीय इंटर कॉलेजों में 6645 ‌शिक्षकों की भर्ती का रास्ता अखिलेश सरकार ने साफ कर दिया है।

खास बात यह है कि शिक्षकों की इस बंपर भर्ती के लिए अब 40 वर्ष वाले भी पात्र होंगे।

हालांकि, सीधी भर्ती में परास्नातक के अंकों को वेटेज देने की व्यवस्था भी समाप्त कर दी गई है।

चयन के लिए प्रतीक्षा सूची नहीं बनाई जाएगी और चयन के बाद शिक्षकों को एक साल के प्रोबेशन पर रहना होगा।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा नियमावली 1983 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई।

इसके बाद राजकीय इंटर कॉलेजों में 6645 शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षक भर्ती के लिए अलग से निर्णय किया जाएगा।

प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 1983 में नियमावली बनाई गई थी।

पहले 32 वर्ष थी आयु सीमा
मौजूदा समय के अनुसार इसमें कई विसंगतियां थीं। कार्मिक विभाग ने अन्य विभागों में भर्ती की आयु सीमा 40 वर्ष कर दी थी, लेकिन राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती की आयु 32 वर्ष ही थी। संशोधित नियमावली में शिक्षक भर्ती आयु सीमा 40 वर्ष कर दी गई है।

शिक्षक भर्ती के लिए स्नातक व बीएड वालों को तो पात्र माना गया था, लेकिन परास्नातक के प्रथम श्रेणी पर 15 अंक, द्वितीय श्रेणी पर 10 और तृतीय श्रेणी पर पांच अंक का अतिरिक्त वेटेज देने की व्यवस्था थी।

अच्छे अंक के बाद भी स्नातक वाले शिक्षक बनने से वंचित हो जाते थे। इसलिए परास्नातक के अंकों को वेटेज देने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।

सहायता प्राप्त स्कूलों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है। शिक्षक भर्ती में धांधली रोकने के लिए चयन के लिए प्रतीक्षा सूची बनाने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।
बुधवार, 26 फरवरी 2014
अमर उजाला, लखनऊ