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स्कूलों को यूनिफाॅर्म के पैसे का देना होगा हिसाब
सर्व
शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक ने मांगा ब्यौरा
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अमर
उजाला ब्यूरो
लखनऊ।
सहायता प्राप्त स्कूलों को छात्रों को यूनिफाॅर्म बांटने का हिसाब देना होगा।
उन्हें बताना होगा कि उनके यहां कितने बच्चे पढ़ रहे हैं और कितनों को यूनिफाॅर्म
बांटा जा चुका है। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय से दिए गए पैसे
में कितना खर्च हुआ है। इसमें से यदि बचा है तो उसे वापस किया गया या नहीं। इस
संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक हरेंद्र वीर सिंह ने बेसिक
शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिया है।
सर्व
शिक्षा अभियान के तहत सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 8 तक पढ़ने वाले बच्चों
को मुफ्त यूनिफाॅर्म देने की व्यवस्था है। सरकारी स्कूलों में तो शिक्षकों के
माध्यम से यूनिफाॅर्म बांटे जाते हैं, लेकिन सहायता प्राप्त
स्कूलों में प्रबंधक और प्रधानाचार्य की देखरेख में इसका वितरण होता है। सर्व
शिक्षा अभियान का राज्य परियोजना निदेशालय इसके लिए राशि स्कूल के खाते में डाल
देता है।
परियोजना
निदेशक ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से पूछा है कि उनके जिले में कितने जूनियर
हाईस्कूल और कितने संबद्ध प्राइमरी स्कूल हैं। इन स्कूलों को सर्व शिक्षा अभियान
के तहत और राज्य योजना के तहत कितने पैसे दिए गए हैं। कितने बच्चों को यूनिफाॅर्म
बांटे गए तथा इसमें से कितनी राशि बची है। इसके साथ ही यूनिफाॅर्म वितरण रजिस्टर
की फोटो कापी, यूनिफाॅर्म
लेने के लिए व्यय बाउचर तथा फर्म को दिए गए चेक का नंबर भी मांगा गया है।
•बेसिक
शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए निर्देश