पुराने हाईस्कूलों में शिक्षक नहीं, नए की तैयारी
आरएमएसए के तहत पांच साल में खुले 1247 राजकीय हाईस्कूल
लखनऊ।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत प्रदेश में फिर नए राजकीय
हाईस्कूल खोलने की तैयारी है। वर्ष 2014-15 के प्रस्ताव तैयार करने लिए 20-22
जनवरी को कार्यशाला होने जा रही है। लेकिन पांच साल में खुले स्कूलों को आज तक एक
भी शिक्षक नहीं मिला। जब से आरएमएसए की शुरुआत हुई है तब से प्रदेश में 1247 राजकीय हाईस्कूल खुल गए लेकिन एक भी
शिक्षक की भर्ती प्रदेश सरकार ने नहीं की। इस तरह नए स्कूलों की कवायद महज केंद्र
से मंजूरी तक ही सिमटकर रह गई है।
राष्ट्रीय
माध्यमिक शिक्षा अभियान 2009 में लागू हुआ था। तब से केंद्र सरकार
नए राजकीय हाईस्कूलों के लिए राज्य सरकारों को मदद दे रही है। तब से प्रदेश में हर
साल नए स्कूलों को मंजूरी मिलती गई लेकिन प्रदेश सरकार ने किसी में शिक्षक की
तैनाती अभी तक नहीं हो सकी। यही वजह है कि वर्ष 2013-14 में राजकीय हाईस्कूल खोलने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र ने
खारिज कर दिया था। बाद में अल्पसंख्यक बहुल जिलों में हाईस्कूल खोलने के राज्य के
अनुरोध पर 226 को मंजूरी दी। गौरतलब है कि स्कूल
निर्माण के लिए 75 प्रतिशत राशि केंद्र देता है तो 25 प्रतिशत राज्य को खर्च करना होता है।
शिक्षकों की तैनाती राज्य सरकारों को करनी है।
अब
एक बार फिर केंद्र ने वर्ष 2014-15 के
लिए सभी राज्यों से आरएमएस के प्रस्ताव मांगे हैं। यही प्रस्ताव तैयार करने केलिए 20-21 जनवरी को लखनऊ में एक कार्यशाला होने
जा रही है। इसमें सभी जिलों के अधिकारियों को बुलाया गया है। उनसे नए प्रस्ताव
मांगे जाएंगे। खासतौर से नए स्कूलों काप्रस्ताव ही प्रमुख मुद्दा होगा। अब सवाल यह
उठने लगे हैं कि जब शिक्षक ही नहीं हैं तो फिर ऐसे स्कूलों के क्या मायने हैं?
साभार अमरउजाला