Monday, July 15, 2019

सरकारी स्कूलों में बच्चों को महीने में पांच से छह बार खाने को मिलेंगे मौसमी फल


अब सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को महीने में पांच से छह बार मौसमी फल खाने को मिलेंगे।  मिड डे मील के तहत अभी तक बच्चों को हर सोमवार को एक फल दिया जाता है। अब महीने में एक और दिन फल बांटा जाएगा। यह व्यवस्था केंद्र सरकार के बजट के तहत की जाएगी।
अभी तक राज्य सरकार सरकारी प्राइमरी स्कूलों में हफ्ते में एक बार मौसमी फल दे रही है यानी महीने में अमूमन चार और जिस महीने में पांच सोमवार पड़ते हैं, पांच बार फल बांटे जा रहे हैं। इसके लिए हर वर्ष लगभग 200 करोड़ रुपये का बजट राज्य सरकार अपने मद से देती है लेकिन अब जो अतिरिक्त एक और दिन फल दिया जाएगा, इसमें केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों का हिस्सा होगा। इसके लिए मिड डे मील योजना में 4375 लाख रुपये का बजट दिया जाएगा। इसमें 60:40 फीसदी का हिस्सेदारी होगी।
कई राज्य दे रहे हैं फल
प्रदेश में फल बांटने की योजना 2016 में शुरू की गई थी। बच्चों को अतिरिक्त पोषक तत्व उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मार्निंग स्नैक के रूप में फल दिया जा रहा था। इसमें अमरूद, केला, सेब, संतरा, नाशपाती, शरीफा, आम जैसे फल देने के निर्देश हैं। राजस्थान, केरल, झारखण्ड, तमिलनाडु, लक्षद्वीप आदि राज्यों में भी फल दिया जाता है।
वहीं कुछ राज्य अण्डे भी दे रहे हैं। राज्य सरकार स्कूलों में एक दिन दूध का वितरण भी करती है लेकिन इसके लिए अलग से बजट नहीं दिया जाता बल्कि मिड डे मील के मेन्यू में ही कांट-छांट कर दूध बांटने का रास्ता निकाला  गया है।