उत्तर
प्रदेश के अनुदानित मदरसों में जल्द ही गैर उर्दू जानकार शिक्षक भी पढ़ा सकेंगे।
प्रदेश के मदरसा शिक्षा बोर्ड ने इस बाबत एक प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव में
इन अनुदानित मदरसों में हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कम्प्यूटर साइंस आदि वैकल्पिक विषय पढ़ाने के लिए शिक्षक की
नियुक्ति में उर्दू की अनिवार्यता खत्म किए जाने का सुझाव दिया गया है।
इस प्रस्ताव में प्रदेश के अनुदानित
मदरसों की मान्यता, प्रशासन
एवं सेवा नियमावली 2016 में उस
प्रावधान को हटाने की बात कही गयी है, जिसमें
इन मदरसों में वैकल्पिक विषयों को पढ़ाने के लिए शिक्षक की नियुक्ति के लिए इंटर
में एक विषय के तौर पर उर्दू की शैक्षिक योग्यता अनिवार्य की गयी है।
प्रदेश के मदरसा शिक्षा बोर्ड
के कार्यवाहक रजिस्टार और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक एस.एन.
पाण्डेय ने "हिन्दुस्तान" को बताया
कि राज्य के अनुदानित मदरसों में वैकल्पिक विषय पढ़ाने के लिए शिक्षक की नियुक्ति
के नियमों में इण्टर में उर्दू की एक विषय के रूप में शैक्षिक योग्यता खत्म करने
का प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रदेश सरकार की स्वीकृति मिलने पर इसे लागू कर
दिया जाएगा।
मदरसा शिक्षा बोर्ड के इस प्रस्ताव की भनक लगते ही मदरसा शिक्षकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।
मदरसा शिक्षा बोर्ड के इस प्रस्ताव की भनक लगते ही मदरसा शिक्षकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।