परिषदीय स्कूलों में बच्चों की शैक्षिक नींव मजबूत करने और पढ़ाई की
गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किए गए योगी सरकार के तमाम प्रयास बेसिक शिक्षा अधिकारियों
और उनके दफ्तर में कार्यरत बाबुओं की लापरवाही की भेंट चढ़ रहे हैं।
ग्रेडेड लर्निंग से
बच्चों को भाषा और गणित में दक्ष बनाना हो या शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत
गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश दिलाना, विभाग के कार्यक्रमों
और योजनाओं के क्रियान्वयन में कुछेक जिलों को छोड़कर अधिकतर जिलों में स्थिति
खराब है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के
समक्ष पेश की गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
विभाग की ओर से संचालित कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी बीएसए की है। क्रियान्वयन सही नहीं होने पर निदेशालय से बीएसए को समय-समय पर स्मरण पत्र भी जारी किए जाते हैं, लेकिन बीएसए, एबीएसए और कर्मचारी निदेशालय को समय पर रिपोर्ट पेश करना तो दूर, उनके पत्रों का जवाब तक नहीं देते हैं। मुख्यमंत्री योगी ने भी 14 जून को हुई बैठक में बीएसए की कार्यशैली से नाराजगी जताते हुए उनके दफ्तर में वर्षों से कार्यरत बाबुओं का तबादला करने के निर्देश दिए हैं।
विभाग की ओर से संचालित कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी बीएसए की है। क्रियान्वयन सही नहीं होने पर निदेशालय से बीएसए को समय-समय पर स्मरण पत्र भी जारी किए जाते हैं, लेकिन बीएसए, एबीएसए और कर्मचारी निदेशालय को समय पर रिपोर्ट पेश करना तो दूर, उनके पत्रों का जवाब तक नहीं देते हैं। मुख्यमंत्री योगी ने भी 14 जून को हुई बैठक में बीएसए की कार्यशैली से नाराजगी जताते हुए उनके दफ्तर में वर्षों से कार्यरत बाबुओं का तबादला करने के निर्देश दिए हैं।
ग्रेडेड
लर्निंग में पिछड़े अयोध्या, बाराबंकी व सीतापुर
शिक्षा
की गुणवत्ता के विकास के लिए ‘ग्रेडेड
लर्निंग’ कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों
में भाषा और गणित की नींव मजबूत की जानी है। प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के सहयोग से
संचालित कार्यक्रम में 2 लाख 20 हजार सहायक अध्यापकों और 4 हजार
रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षित किया गया है। ईशा मोबाइल एप के माध्यम से 1,13, 325 कक्षाओं का अवलोकन किया जा रहा है।
प्रेरणा मोबाइल एप से लर्निंग आउटकम के हिसाब से स्कूलों की ग्रेडिंग की जा रही
है। इसमें रायबरेली, कन्नौज, फिरोजाबाद, हापुड़
और मऊ सबसे आगे हैं। वहीं अयोध्या, प्रतापगढ़, बाराबंकी, संतकबीर
नगर और सीतापुर सबसे पीछे हैं।
शिक्षा से वंचित बच्चों का नामांकन
प्रदेश में 1 लाख 3 हजार 699 बच्चे आउट ऑफ स्कूल चिह्नित किए गए हैं। रिपोर्ट में इनमें से 70 हजार 443 बच्चों को पुन: प्रवेश दिलाने का दावा किया गया है। आउट ऑफ स्कूल बच्चों के नामांकन में भदोही, बागपत, मेरठ, गोरखपुर और हापुड़ जिले सबसे आगे हैं। वहीं सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, संभल, बलिया और कुशीनगर जिले सबसे पीछे हैं।
जूता-मोजा वितरण
बेसिक शिक्षा विभाग ने 83 प्रतिशत बच्चों को जूते और 93 प्रतिशत को मोजे वितरित करने का दावा किया है। इसमें बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और हापुड़ सबसे आगे हैं। वहीं बलिया, अंबेडकरनगर, सीतापुर, बदायूं और जालौन सबसे पीछे हैं।
शिक्षा से वंचित बच्चों का नामांकन
प्रदेश में 1 लाख 3 हजार 699 बच्चे आउट ऑफ स्कूल चिह्नित किए गए हैं। रिपोर्ट में इनमें से 70 हजार 443 बच्चों को पुन: प्रवेश दिलाने का दावा किया गया है। आउट ऑफ स्कूल बच्चों के नामांकन में भदोही, बागपत, मेरठ, गोरखपुर और हापुड़ जिले सबसे आगे हैं। वहीं सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, संभल, बलिया और कुशीनगर जिले सबसे पीछे हैं।
जूता-मोजा वितरण
बेसिक शिक्षा विभाग ने 83 प्रतिशत बच्चों को जूते और 93 प्रतिशत को मोजे वितरित करने का दावा किया है। इसमें बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और हापुड़ सबसे आगे हैं। वहीं बलिया, अंबेडकरनगर, सीतापुर, बदायूं और जालौन सबसे पीछे हैं।