डीआइओएस ने प्रधानाचार्यो संग की बैठक, सीएम की मंशा से कराया अवगत, गंगापार के प्रधानाचार्यो और प्रबंधक को दिए दिशा-निर्देश -
माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन की गुणवत्ता सुधारने, शिक्षा का बेहतर माहौल बनाने समेत अन्य पहलुओं पर मंगलवार को जिला विद्यालय
निरीक्षक ने बैठक में प्रधानाचार्यो और प्रबंधकों को दिशा-निर्देश दिए। उन्हें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा से अवगत कराते हुए कहा कि शिक्षा का स्तर ऊंचा
उठाना होगा। हमारे विद्यार्थी प्रतिभावान हैं, उनकी मेधा और निखारनी
होगी।
मंगलवार को डीआइओएस कार्यालय में पूर्वाह्न 11 से दो बजे तक चली बैठक में 12 सरकारी और 66 वित्त
पोषित विद्यालयों के 78
प्रधानाचार्यो
ने भाग लिया। डीआइओएस आरएन विश्वकर्मा ने प्रधानाचार्यो से नए सत्र में
विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ाने पर जोर देने को कहा। विद्यालयों में पेयजल, प्रकाश, छात्र-छात्रओं
के लिए अलग शौचालय समेत अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए, ताकि
विद्यार्थियों को पठन-पाठन में सहूलियत रहे। स्कूल में अनुशासन बनाए रखने, शिक्षकों
की शत प्रतिशत उपस्थिति,
बायोमीटिक
हाजिरी का प्रिंट डीआइओएस कार्यालय पहुंचाने को कहा। अगले सत्र में सीसीटीवी
कैमरों से विहीन स्कूलों को किसी भी सूरत में परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
दोपहर बाद डीआइओएस ने स्कूल प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में उन्हें प्रधानाचार्यो
से तालमेल बनाने की सलाह दी। बैठक में संयुक्त निदेशक (माध्यमिक) दिव्य कांत
शुक्ला और सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक पीके पांडेय ने भी प्रधानाचार्यो को
संबोधित किया।
विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा का पढ़ाया जाए पाठ
डीआइओएस ने
प्रधानाचार्यो से कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को विषयों की पढ़ाई कराते हैं लेकिन
जरूरी है कि भविष्य का अच्छा नागरिक बनाने के लिए उन्हें नैतिक शिक्षा का भी पाठ
पढ़ाया जाए। यह काम प्रधानाचार्य बखूबी कर सकते हैं। उन्हें अक्सर एक कक्षा नैतिक
शिक्षा की लेनी चाहिए जिसमें बच्चों को अच्छी बातें बताई जाएं। अनुशासन में रहने
और अच्छे नागरिक के कार्य व्यवहार की जानकारी दी जा सकती है।