बेसिक शिक्षा परिषद का मुख्यालय प्रयागराज से लखनऊ ले जाने में भले ही
त्वरित निर्णय हो सकेंगे लेकिन, मुकदमों की पैरवी पर
असर पड़ना भी तय माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो जिलों से लेकर शासन तक के
करीब साढ़े चार हजार से अधिक मुकदमे चल रहे हैं। इनमें से तमाम एक ही प्रकृति के
हैं, इसके बाद भी उन सबकी पैरवी अफसरों को करनी पड़ती है। हर माह शासन के वरिष्ठ
अफसरों की व्यक्तिगत पेशी तक हो रही है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्रदेश में एक लाख 58 हजार प्राथमिक व उच्च प्राथमिक
विद्यालय हैं। वहां कार्यरत शिक्षकों की संख्या लाखों में हैं। ऐसे में शिक्षकों
के तमाम मुकदमे जिला कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक चल रहे हैं। इसके
अलावा शिक्षक भर्तियों पर भी कोर्ट में सुनवाई चल रही है। यहां तैनात अफसरों की
मानें तो परिषद मुख्यालय व हाईकोर्ट दोनों प्रयागराज में होने से मुकदमों की पैरवी
में आसानी रही है। लेकिन,
अब समीक्षा
बैठकों में अफसरों की उपस्थिति व त्वरित निर्णय को आधार बनाकर मुख्यालय लखनऊ ले
जाने की तैयारी है। इससे कोर्ट में पैरवी का पक्ष कमजोर हो सकता है।