परिषदीय स्कूल शिक्षकों के समायोजन का शासनादेश फिर अफसरों को परेशान कर
रहा है। वजह निर्देश स्पष्ट नहीं है। समायोजन में समिति को दो तरह की छात्र संख्या
का आकलन करना होगा। प्रभावित होने वाले शिक्षक इसे फिर कोर्ट में चुनौती दे सकते
हैं।
बेसिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा
गया है कि समायोजन में विगत वर्ष की अधिकतम नामांकन देखा जाएगा। इसी के साथ यह भी
कहा गया है कि नामांकन के सापेक्ष वास्तविक रूप से उपस्थित छात्रों की संख्या के
आधार पर समायोजन किया जाएगा। दो तरह के आदेश से भ्रम की स्थिति है। मसलन, किसी स्कूल
में विगत वर्ष का अधिकतम नामांकन 90
रहा है, उस लिहाज
से वहां तीन शिक्षक तैनात होने चाहिए। उसमें यदि वास्तविक छात्र संख्या देखी जाएगी
तो स्कूल में हर दिन छात्र संख्या 60
होती है, तब वहां दो
ही शिक्षक तैनात हो सकते हैं। 30
छात्रों पर
एक शिक्षक होना है। परेशानी यह है कि आखिर स्थानांतरण समिति किस आधार पर समायोजन
करे? अधिकतम
नामांकन या फिर वास्तविक छात्र संख्या पर?।