उत्तर प्रदेश के शासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों
में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर भर्ती की तैयारी तेज हो गई है। शासन ने
उच्च शिक्षा निदेशालय को 30 जून तक रिक्त होने वाले पदों का
ब्योरा भी उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रयागराज को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
इससे रिक्त पदों की संख्या आठ हजार से ज्यादा होने की संभावना है।
लंबे समय से इन कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती न हो पाने से
रिक्तियों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले कई शैक्षिक सत्रों से मानदेय पर
रिटायर शिक्षकों की सेवाएं ली जा रही हैं। बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त
होने के बावजूद आयोग भर्ती का नया विज्ञापन अब तक जारी नहीं कर पाया है। अभी
समाजवादी पार्टी के शासनकाल में वर्ष 2016 में विज्ञापित पदों पर भर्ती की
प्रक्रिया चल रही है। विभागीय आकलन के मुताबिक इन कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर
(प्रवक्ता) के रिक्त पदों की संख्या आठ हजार से ज्यादा हो चुकी है। इनमें से
ज्यादातर पदों के लिए आयोग को अधियाचन भी प्राप्त हो चुका है। अधियाचन में मिलने
वाली रिक्तियों की सूचना के आधार पर ही भर्ती का विज्ञापन जारी होता है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के
बाद आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां होते ही बेरोजगारों
की उम्मीदें परवान चढ़ने लगी थीं। मौजूदा अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने
पदभार संभालने के बाद आश्वस्त भी किया था कि कॉलेजों में रिक्त पदों पर भर्ती
प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। आयोग से सबसे पहले विज्ञापन संख्या 46 से संबंधित लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का साक्षात्कार कराया।
इसके बाद विज्ञापन संख्या 47 से संबंधित 1150 पदों पर चयन के लिए लिखित परीक्षा कराई गई। यह विज्ञापन सपा के शासनकाल
में जारी किया गया था। यह भर्ती प्रक्रिया अब पूरी होने वाली है। आयोग अब नई
भर्तियों का विज्ञापन जारी करने में जुटा हुआ है।