परिषदीय
स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती में शिक्षा के अधिकार कानून के मानकों का अक्षरश:
पालन करने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग
हरकत में आ गया है। शिक्षक-छात्र के मानक अनुपात के मुताबिक शिक्षकों की तैनाती
करने के लिए विभाग ने सोमवार को चालू शैक्षिक सत्र में जिले के अंदर शिक्षकों के
समायोजन की नीति जारी कर दी है। शासन ने इसे 15
जुलाई तक
पूरा करने का निर्देश दिया है। हर स्कूल में शिक्षक-छात्र अनुपात के आधार पर पदों
का निर्धारण होने के बाद सबसे पहले शिक्षकों के समायोजन की कार्यवाही की जाएगी।
समायोजन विद्यालयवार शिक्षकों का आकलन,
छात्र
नामांकन और उसके सापेक्ष वास्तविक रूप से उपस्थित छात्रों की संख्या के आधार पर
किया जाएगा। जिन स्कूलों में शिक्षक-छात्र मानक अनुपात से अधिक अध्यापक तैनात हैं, वहां से उन्हें हटाकर शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में भेजा जाएगा।
इसके बाद ही यदि कोई शिक्षक जिले के अंदर ग्रामीण क्षेत्र के एक से दूसरे ब्लॉक या
नगरीय इलाके के एक से दूसरे ब्लॉक में पारस्परिक समायोजन चाहता है तो उस पर विचार
होगा। ग्रामीण से नगर और नगर से ग्रामीण क्षेत्र में पारस्परिक समायोजन नहीं होगा।
कोशिश होगी कि प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान और गणित के शिक्षक
रहें।
बीएसए
होंगे जिम्मेदार
जिला समिति
को स्कूलों में उपस्थित छात्रों की वास्तविक संख्या बताने की जिम्मेदारी बीएसए की
होगी। इसमें गलती होने पर बीएसए सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
अधिक
छात्रओं वाले स्कूलों में महिला शिक्षक अनिवार्य
जिन स्कूलों में छात्रओं का नामांकन
अधिक है, उनमें कम से कम एक महिला शिक्षक की
तैनाती अनिवार्य होगी।जिलाधिकारी इसमें विवेक के अनुसार आवश्यकता निर्धारित
करेंगे। जिला स्तरीय समिति दिव्यांग और सेना में कार्यरत सैनिक के पति/पत्नी को
समायोजन में वरीयता देगी।