बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय विद्यालयों को चमकाने में जुटा हुआ है। इस क्रम में कई विद्यालयों की हाल में ही मरम्मत कराई गई। वहीं रोशननुमा डिजाइन के बने कई विद्यालय भवन खंडहर हो चुके हैं। कुछ विद्यालयों के जर्जर कमरों के दरवाजे, खिड़कियां तक गायब हैं। ये खंडहर अब शराबियों व जुआड़ियों के अड्डे बन चुके हैं। इन भवनों में किसी भी समय हादसा हो सकता है। ऐसे में इन जर्जर भवनों को ध्वस्त करने के लिए बीएसए ने शासन से अनुमति मांगी है।
वर्ष 2001 से 04 के बीच जनपद के 154 विद्यालयों में रोशननुमा डिजाइन के कमरे बनवाए गए थे। इन कमरों की गुणवत्ता खराब होने के साथ डिजाइन भी ठीक नहीं थी। लिहाजा बारिश के दौरान कमरों की छत एक दशक में ही टपकने लगी। रखरखाव के अभाव में ये भवन धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो गए। दुर्घटना की आशंका में रोशननुमा डिजाइन वाले कमरों में ताले बंद कर दिए गए।
गुहार के बाद भी नहीं किया ध्वस्त
सेवापुरी ब्लाक में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बना प्राथमिक विद्यालय (सत्तनपुर) का भवन खंडहर हो चुका है। इस भवन को गिराने के लिए ग्रामीण जिलाधिकारी से लगायत शिक्षाधिकारी तक गुहार लगा चुके हैं।
इसके बावजूद जर्जर भवन का अस्तित्व अब भी बना हुआ है। लोगों का कहना है कि इसी भवन के समीप प्राथमिक विद्यालय का भवन भी है। इस विद्यालय में करीब तीन सौ से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं।