Friday, April 13, 2018

सोच बदलें

स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुके हैं। निजी स्कूलों पर मनमाने ढंग से फीस वसूली के आरोप लगने लगे हैं। फिर भी अभिभावाक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने से कतराते हैं। आखिर क्यों? ऐसा नहीं है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक अच्छे नहीं होते। वे बीएड या बीटीएस योग्यता वाले ही होते हैं। इतना ही नहीं, सरकारी स्कूलों में अब कई अन्य सुविधाएं भी मिलने लगी हैं। फिर भी अगर बच्चों को घर-घर जाकर बुलाने जैसी हालत है, तो इसमें कुछ हद तक दोष हमारी मानसिकता का भी है। हम सरकारी स्कूलों को अच्छा मानने के लिए तैयार ही नहीं होते। अगर अधिक से अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में आएंगे, तो निजी स्कूलों की मनमानी खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी