Saturday, January 10, 2015

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अधिवेशन में बुलंद की हक की आवाज
लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार रहें कर्मचारी

लखनऊ। तीनों गुटों के एक साथ आने के बाद राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पहले एकीकृत अधिवेशन में राज्य कर्मियों ने चुनाव लड़ने के अधिकार दिए जाने की मांग के साथ ही अपने हक की आवाज भी बुलंद की। कर्मचारी नेताओं ने सरकार से मांगों को मनवाने के लिए लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान भी किया।
कर्मचारी नेता एसपी तिवारी ने कहा कि अलग-अलग गुटों में बंटे होने से हमारी ताकत काफी कम हो गई थी। एक गुट हड़ताल करता था, तो दूसरा गुट सरकार के साथ खड़ा हो जाता था। उन्होंने सातवां वेतन आयोग लागू कराने, पूर्व में मिले वेतन आयोगों की विसंगतियों को दूर करवाने समेत सभी मांगों को पूरा कराने को संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। कहा, इसके लिए जेल भी जाना पड़ेगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पूर्व अध्यक्ष पीएन शुकुल ने परिषद का पचासवां साल धूमधाम से मनाने और राजधानी में एक बड़ा भवन बनाने का सुझाव दिया।
कर्मचारी नेता वीपी मिश्र ने कहा कि वक्त आ गया है कि संगठन की कमान नौजवानों को सौंपी जाए।
एकीकृत परिषद में ऐसा ही किया गया है।
संयुक्त परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि वह सभी की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि केंद्र के समान भत्तों, अधिकारी और कर्मचारियों के वेतन में भारी असमानता सरीखे सभी मुद्दे सरकार के सामने पुरजोर ढंग से रखे जा सकें। अधिवेशन में राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश बाबू मिश्रा, राजेश साहू, राजेश पांडे आदि भी मौजूद रहे।
हरिकिशोर होंगे अगले अध्यक्ष
एकीकृत अधिवेशन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की नई कमेटी के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया। हरिकिशोर तिवारी अध्यक्ष, यदुवीर सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अतुल मिश्रा महामंत्री और सतीश श्रीवास्तव संप्रेक्षक चुने गए। कमेटी को मई में चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई।
जब हंस पड़े सभी
एसपी तिवारी ने मंच से पीएन शुकुल की खूब तारीफ की। जब शुकुल की बारी आई तो उन्होंने कहा कि जब वह जेल में थे, तो कुछ लोगों ने स्वार्थवश संयुक्त कर्मचारी परिषद से अलग होते हुए अपनी परिषद बना ली और उसके महामंत्री एसपी तिवारी ही थे। इस पर वहां बैठे सभी लोग हंस पड़े।
मेरे अलावा नहीं गया कोई जेल
एसपी तिवारी ने कहा कि डायस पर तमाम लोग बैठे हैं, लेकिन उनके बराबर संघर्ष किसी का नहीं रहा। डायस पर जितने लोग बैठे हैं, उनमें पीएन शुकुल के अलावा सिर्फ मैं ही हूं, जो कर्मचारियों के लिए जेल गया।
गांधी भवन सभागार में शुक्रवार से शुरू हुए दो दिवसीय अधिवेशन में राज्‍य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पूर्व अध्यक्ष पीएन शुकुुल का स्वागत करते कर्मचारी नेता।
सरकार को मजबूर होना पड़ेगा
सत्तर के दशक में मेरे ही प्रयासों से दो गुट एक साथ आए थे। मुझे पूरी उम्मीद है कि परिषद की सभी न्यायोचित मांगों को मानने के लिए राज्य सरकार को मजबूर होना पड़ेगा। नया मांगपत्र तैयार कर परिषद को आगे की लड़ाई के लिए खुद को तैयार करना होगा
-पीएन शुकुल, पूर्व सांसद एवं पूर्व अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद
दमदारी के साथ रखेंगे मांगें
अब हम शासन-प्रशासन के सामने अपनी मांगें ज्यादा दमदारी के साथ रख सकेंगे। इंदिरा भवन-नेहरू भवन कर्मचारी यूनियनों समेत सभी यूनियनों का हमें और भी प्रभावी ढंग से समर्थन मिल सकेगा। लंबे समय से लंबित अपनी मांगों को जल्द पूरा करवाने के लिए संघर्ष करेंगे।
-हरिकिशोर तिवारी, अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद
बरसों पुराना सपना पूरा
मई में अधिवेशन बुलाकर विधिवत चुनाव कराए जाएंगे। परिषद के एकीकृत अधिवेशन का हिस्सा बनकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है। ऐसा लग रहा है कि बरसों पुराना मेरा सपना पूरा हो गया।
-एसपी तिवारी, भंग किए गए एसपी तिवारी गुट के अध्यक्ष
भविष्य की जरूरतों के लिए एक होने का फैसला
जिस तरह से आउटसोर्सिंग एजेंसियों की मदद से काम करवाया जा रहा है, अगर हमने एक होकर संघर्ष शुरू नहीं किया तो राज्य कर्मचारियों की संख्या गिनीचुनी रह जाएगी। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए ही हमने एक होने का फैसला किया
-वीपी मिश्र, भंग किए गए वीपी मिश्र गुट के अध्यक्ष

अमर उजाला ब्यूरो